उत्तराखण्ड : गंगोत्री धाम में संपूर्ण बंदी, देवस्थानम बोर्ड भंग न होने पर तीर्थ-पुरोहितों का ऐलान- नहीं होगी पूजा !

गंगोत्री के कपाट बंद होने से पहले ही धाम में आज   संपूर्ण बंदी, देवस्थानम बोर्ड भंग ने होने पर तीर्थ-पुरोहितों का ऐलान-नहीं होगी पूजा

गंगोत्री के कपाट बंद होने से पहले ही धाम में  आज  संपूर्ण बंदी, देवस्थानम बोर्ड भंग ने होने पर तीर्थ-पुरोहितों का ऐलान-नहीं होगी पूजा

 

  अभी तक उत्तराखण्ड सरकार की ओेर से देवस्थानम् बोर्ड भंग करने को लेकर  कोई सकारात्मक कार्यवाही न करने पर गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों ने कड़ी नाराजगी जताई है।
वही तीर्थ पुरोहितों ने   आज   संपूर्ण गंगोत्री धाम बंद खने के साथ ही पूजा पाठ न करने का  निर्णय लिया है।
जिसमें गंगोत्री धाम की यात्रा पर पर आने वाले तीर्थ पुरोहितों को खासी परेशानी उठानी पड़ेगी। 
बता दे कि रविवार को गंगोत्री धाम में श्री पांच मंदिर गंगोत्री समिति, तीर्थ पुरोहितों, हकहकूक धारियों तथा स्थानीय व्यापारियों की एक बैठक संपंन हुई।  जिसमें सभी तीर्थ पुरोहितों, व्यापारियों एवं हकहकूक धारियों ने देवस्थानम् बोर्ड भंग न होने पर नाराजगी व्यक्त की।
तीर्थ पुरोहितों ने का कि प्रदेश सरकार की ओर से गत 11 सितंबर  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ हुई वार्ता में 30 अक्टूबर तक देवस्थानम बोर्ड को भंग किए जाने का निर्णय लिया जाने की बात हुई थी।
लेकिन उसके बाद भी अभी तक कोई सकारात्मक कार्यवाही प्रदेश सरकार की ओर से की गई है। जिस पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त की और एक नवंबर को संपूर्ण गंगोत्री बंद रखने का निर्णय लिया।
जिसमें गंगोत्री धाम के सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रखने के साथ ही नदी तटों सहित किसी भी प्रकार की पूजा पाठ का कार्य नहीं करने तथा जनआक्रोश रैली निकालने का निर्णय लिया।

बैठक में मंदिर समिति के सह सचिव राजेश सेमवाल, इन्द्र देव सेमवाल, संजय सेमवाल, मुकेश सेमवाल, कमल नयन, गणेश सेमवाल, आशाराम, माधव प्रसाद, पवन सेमवाल, बद्री प्रसाद आदि तीर्थ पुरोहित एवं व्यापारी मौजूद रहे।

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