मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को कहा है कि किसी वरिष्ठ आइएएस अधिकारी को यह जांच सौंपी जाए।
आपको बता दे कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग राज्य मंत्री रेखा आर्य और विभागीय अपर सचिव एवं निदेशक वी षणमुगम के बीच विवाद के मामले की जांच के आदेश मुख्य सचिव ओमप्रकाश को दे दिए हैं।
वही मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को कहा है कि किसी वरिष्ठ आइएएस अधिकारी को यह जांच सौंपी जाए।
ये था पूरा मामला
जान ले कि महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास राज्यमंत्री रेखा आर्य ने महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग में मानव संसाधन आपूर्ति के लिए आउट सोर्सिंग एजेंसी के चयन में गड़बड़झाले की शिकायत आने पर निदेशक को टेंडर प्रक्रिया के साथ ही कार्यादेश निरस्त करने के आदेश दिए थे।
साथ ही टेंडर से संबंधित पत्रावली तलब की थी। दो दिन तक निदेशक द्वारा संपर्क न करने पर विभागीय मंत्री रेखा आर्य ने विभाग के निदेशक (आइएएस) वी षणमुगम की तलाश के लिए मंगलवार को पुलिस को तहरीर दी थी।
इससे पहले विभागीय मंत्री रेखा आर्य ने विभाग के निदेशक (आइएएस) वी.षणमुगम की तलाश के लिए तहरीर दी थी। बीते मंगलवार शाम को डीआइजी एवं एसएसपी देहरादून को भेजी तहरीर में जिक्र किया था कि अपर सचिव वी.षणमुगम महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग में निदेशक पद पर कार्यरत हैं। 20 सितंबर से वह अपना फोन बंद कर गायब हैं। कई बार प्रयास करने के बाद उनसे संपर्क नहीं हो पाया। संभवतया राज्य गठन के बाद ये पहला मामला है, जब किसी मंत्री ने आइएएस के खिलाफ तहरीर दी है। गौरतलब है कि प्रदेश में नौकरशाही के रवैये को लेकर मंत्री, विधायक कई बार नाराजगी भी जाहिर कर चुके हैं।