उत्तराखंड : जलप्रलय जैसा मंज़र , विकराल बनी नदियां, 9 महीने की चंदा समेत मलबे मैं दबकर 6 लोगो की दर्दनाक मौत! बह कर आ रहे है पशु दुःखद

उत्तराखंड : जलप्रलय जैसा मंज़र , विकराल बनी नदियां, 9 महीने की चंदा समेत मलबे मैं दबकर 6 की मौत दुःखद

बता दे कि उत्तराखंड के पहाड़ी जिलो के कही इलाकों मे रातभर से हो रही बारिश से जलप्रलय जैसी तस्वीर देखने को मिल रही है और पहाड़ी की नदियां और बरसाती नाले अपने उफान पर हैं।
वही चमोली जिले के घाट विकास खंड में अतिवृष्टि होने से जनजीवन पूरी तरह  अस्त-व्यस्त हो गया है। तो यहां बांजबगड़ गांव में आवासीय मकान के पीछे हुए भूस्खलन के कारण मां रूपा देवी समेत उसकी नो महा की बेटी चंदा की मलबे में दबने से मौत हो गई है।दुःखद

वही बांजबगड़ गांव के ही आली तोक में नेनू राम की बेटी नौरती को भी मलबे में दबने से मौत हो गई दुःखद
वही इस क्षेत्र के लाखी गांव में ही एक भवन में तीन व्यक्तियों के दबे होने की जानकारी मिली जिसमे  तीन ही  शव   को निकाल दिया गया है ।

एसडीआरएफ, पुलिस, राजस्व टीम राहत, बचाव में जुटी हुई हैं। बता दे कि चुफलागाड़ और नंदाकिनी के उफान पर आने से घाट बाजार की भी तीन दुकानें बह गई हैं।


तो वही घाट-बांजबगड़ मोटर मार्ग पर गरणी गांव में पहाड़ी से हुए भूस्खलन के कारण दो वाहन और एक मकान मलबे में दब गया है। आफत बरसा रही है ये बरसात पहाड़ के लोगो पर जान जा रही है , मकान टूट गए है, उनके मवेशी बह गए है दुःखद


तो उधर मोख घाटी में मोक्ष नदी के उफान पर आने से कई आवासीय भवन खतरे की जद में आ गए हैं।वही प्रभावित क्षेत्रों में तहसील और आपदा टीमें राहत, बचाव कार्य में जुट गई हैं। अभी भी क्षेत्र में बारिश हो रही है।


वही चमोली जिले के कर्णप्रयाग, गौचर, आदिबदरी, गैरसैंण, नारायणबगड़, थराली, देवाल सहित ग्रामीण क्षेत्रों में रविवार रात से शुरू हुई भारी बारिश से जनजीवन इस समय पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। थराली, ग्वालदम और देवाल क्षेत्र में बारिश से गांवों में गदेरे उफान पर हैं। कर्णप्रयाग में अलकनंदा और पिंडर नदियों का जल स्तर बढ़ गया है। अलकनंदा नदी में सिलिंडर, पालतू पशु सहित अन्य सामान बहकर आ रहा है।


बता दें कि मौसम विभाग ने पहले ही आज उत्तराखंड के सात जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई थी मोसम विभाग के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि मौसम की हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। समय-समय पर सरकार और संबंधित जिलों के अधिकारियों को सतर्क किया जा रहा है। तो मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सभी जिलों के जिलाधिकारी सहित आपदा प्रबंधन तंत्र को उचित दिशा निर्देश दिए है और जिन लोगो की मलबे मैं दबकर मौत हुई है उस पर गहरा दुख जताया है।

 

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