उत्तराखंडः 50 लाख रुपये की लागत से बनी सड़क 4 दिन में ही उखड़ी, ग्रामीणों ने उठाए गुणवत्ता पर सवाल

रामनगर: उत्तराखंड की राजधानी में 850 करोड़ की लागत से बने हाइवे के खराब होने का मामला अभी जांत के लिए गया ही था कि अब शासन पर सवाल खड़ा करता एक और मामला सामने आ गया है। रामनगर में  50 लाख रुपये की लागत से बनाई जा रही 2.4 किलोमीटर रोड के डामरीकरण का ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया है. चिल्किया गांव के ग्रामीणों ने ठेकेदार द्वारा बनाई जा रही पक्की सड़क में घटिया सामाग्री लगाने का आरोप लगाते हुए काम बंद करा दिया है. ये रोड पिरूमदारा से काशीपुर के कई ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ती है।

बता दें, रामनगर के चिल्किया गांव में 15 साल बाद सड़क का डामरीकरण शुरू हुआ. लेकिन 4 दिन बाद ही जगह-जगह पर सड़क उखड़ने लगी. ये देखकर ग्रामीणों में रोष बढ़ गया. उन्होंने खराब गुणवत्ता को लेकर धरना देकर काम बंद करवा दिया। चिल्किया की ग्राम प्रधान हेमा बिष्ट का कहना है कि डामरीकरण के चौथे दिन से ही रोड उखड़ना शुरू हो गई. उन्होंने कहा अगर ऐसी रोड बनानी थी तो ऐसी रोड हमें नहीं चाहिए. हम लोग पहले भी खड्डों में रह रहे थे और आगे भी रह लेंगे.

गांव की प्रीती जोशी ने कहा कि 15 साल बाद यह रोड बन रही है, लेकिन इस रोड की गुणवत्ता बहुत की खराब है. रोड का डामर चौथे दिन ही उखड़ना शुरू हो गया है। इस मामले में सहायक अभियंता बीसी भंडारी ने डामरीकरण की गुणवत्ता सुधार करने की बात कही है. इसके साथ ही ठेकेदार कैमरे के सामने बचते नजर आए.

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