■जनपद पौड़ी–
ऐर्थमेटिक पोल: पोस्टल बैलेट और महिलाएं होंगी जिसपे मेहरवान वो होगा पहलवान■
फैसले की घड़ी को अब महज़ 36 घण्टे शेष हैं, एग्जिट पोल भी आ चुके, इस बीच एक ऐर्थमेटिक पोल भी अहम हो जाता है। बताया जा रहा है कि मुकाबला कांटे का है, लिहाजा पौड़ी जनपद के ऐर्थमेटिक पोल पर भी नज़र डालते हैं..(पोस्टल बैलेट के आंकड़े 7 मार्च तक के हैं, 10 मार्च सुबह 8 बजे तक स्वीकार किये जायेंगे, अतः मतगणना तक इनकी संख्या में तकरीबन हर विधानसभा में 100 से 200 का इज़ाफ़ा भी तय है)
36-यमकेश्वर: इस विधानसभा में 14 मार्च को ईवीएम व सर्विस वोट से 47861 मत पड़े थे। जिनमे से 24152 महिला मत थे। वहीं 7 मार्च तक यहां 915 पोस्टल मत भी प्राप्त हो चुके हैं। महिला वोटर्स का आम ट्रेंड देखें तो 24152 के करीब 60 फीसद मत भाजपा के पक्ष में जाने की संभावना है। जबकि पोस्टल बैलेट का इतिहास 80:20 का ही रहा है।
37- पौड़ी: 14 फरबरी को 48275 मत के आंकड़े थे जिनमें से 22331 पुरुषों के मुकाबले 25414 महिलाओं ने मतदान में भाग लिया। 7 मार्च तक 1173 पोस्टल वोट आ चुके थे। यहां भी महिला व फौजी वोट नतीजे को बड़े पैमाने पर प्रभावित करने वाले हैं। हालांकि यहां 744 राज्य कर्मियों के भी सर्विस वोट हैं जिनका 80 फीसद तक सत्ता के खिलाफ है। बावजूद इसके पुरुषों के मुकाबले 3 हज़ार अधिक महिलाओं का वोट व डेढ़ हजार के आसपास पंहुचने वाला पोस्टल बैलेट भगवा दल की गणित को मजबूत कर सकता है।
38-श्रीनगर: 14 फरबरी को आंकड़ा 64093 का था, जिसमें 29016 पुरुष व 34681 महिला थीं, 7 मार्च तक 974 पोस्टल वोट पंहुच चुकी हैं। हालांकि 531 सर्विस वोट राज्य कर्मियों की भी हैं। लेकिन यहां भी पुरुषों के मुकाबले साढ़े पांच हज़ार अधिक महिलाओं ने वोट किया है। लिहाज़ा यह तय है कि महिलाओं का रुख ही तय करेगा कि यहां श्रीगणेश होगा या धन धना धन ही कायम रहेगा।
39-चौबट्टाखाल: इस सीट पर पोस्टल बैलेट बेहद अहम होने वाला है, यहां 7 मार्च तक 1658 पोस्टल वोट आ चुका है जबकि राज्य कर्मियों का सर्विस वोट मात्र 220 है, ऐसे में इस सीट पर जहां महज़ 41315 वोट पड़े हैं वहां डेढ़ हजार पोस्टल बैलेट बड़ा खेला करने की भूमिका में होंगे। यहां भी 18498 पुरुषों के मुक़ाबिक 22529 महिलाओं ने मताधिकार का प्रयोग किया है। इस छोटे टोटल में 4000 का यह अंतर भी अहम होने वाला है।
40-लैंसडौन: गढ़ वीरों की धरती कालों के डांडा की बात हो और फौजी वोटर्स अहम न हों, ऐसा तो संभव ही नहीं। महज़ 40159 वोट का आंकड़ा ही यहां 14 फरबरी को दर्ज किया गया , जिसमें 19033 पुरुषों के मुकाबले 20827 महिलाओं ने वोट किया। यह अंतर करीब 1800 का है। इस सीट पर 7 मार्च तक 1742 पोस्टल बैलेट आ चुके थे, जबकि राज्य कर्मियों के सर्विस वोट महज़ 206 हैं। ऐसे में इस सीट पर ईवीएम से इतर जो गणित बनेगी वह निःसंदेह भाजपा के हक में जाएगी।
41-कोटद्वार: 14 फरबरी को 76396 मत दर्ज किए गए। 36220 पुरुष व 39724 महिला। यहां 7 मार्च तक 815 पोस्टल बैलेट आये हैं लेकिन राज्य कर्मियों के भी 581 सर्विस वोट है। ऐसे में यहां बैलेट वाली वोटें ज्यादा असरकारी होंगी, ऐसा प्रतीत नहीं होता।
लैंसडोन व चौबट्टाखाल निर्वाचन क्षेत्रों में पोस्टल बैलेट एक दल विशेष को काफी या निर्णायक लाभ दिलाने की स्थिति में हैं। कोटद्वार, श्रीनगर व पौड़ी में राज्य कर्मियों के भी अच्छे खासे बैलेट मत हैं अतः वहां फौजी पोस्टल बैलेट से जो स्वाभाविक नुकसान कांग्रेस को होना था उसकी भरपाई राज्य कर्मियों के रुख से संभावित लगती है। यमकेश्वर में भी यदि ईवीएम से बहुत नजदीकी मुकाबला हुआ यो पोस्टल बैलेट भगवा ब्रिगेड के लिए संकटमोचक साबित हो सकते हैं ।
अजय रावत जी फेसबूक वाल से