त्रिवेंद्र भेजी कख ची तुमरी ग्रीष्मकालीन सरकार का बाद अब त्रिवेंद्र भेजी प्रेम दगड़ी ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण (भराड़ीसैंण) के विधानसभा भवन मा मिलला कल ।

त्रिवेंद्र भेजी कख ची तुमरी ग्रीष्मकालीन सरकार का बाद अब त्रिवेंद्र भेजी प्रेम दगड़ी ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण (भराड़ीसैंण) के विधानसभा भवन मा मिलला कल ।

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सुनो उत्तराखंड इस बार स्वतंत्रता दिवस पर उत्तराखंड सरकार ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण (भराड़ीसैंण) के विधानसभा भवन में भी तिरंगा फहराएगी। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के साथ ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत भी गैरसैंण जाएंगे। आपको बता दे कि
इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ही गैरसैंण में ध्वजारोहण कार्यक्रम में शरीक होते रहे हैं।

 
मीडिया से बातचीत के दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सरकार ने हाल ही मेें ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित की है। इसके देखते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया था कि भराड़ीसैंण के विधान भवन में ध्वजारोहण में वे भी शामिल हों। मुख्यमंत्री ने यह आग्रह स्वीकार कर लिया है। इस अवसर पर वहां पौधे भी रोपे जाएंगे। 


 
महत्वपूर्ण बात ये है कि
मौसम पर होगा कार्यक्रम निर्भर 

विधानसभा अध्यक्ष के अनुसार 15 अगस्त को मुख्यमंत्री और उनके अपने निर्वाचन क्षेत्र में कई कार्यक्रम तय हैं। इसको देखते हुए मुख्यमंत्री के साथ वे हेलीकाप्टर से भराड़ीसैंण जाएंगे। ओर ये सब यह सब मौसम पर भी निर्भर करेगा। 

हम सभी जानते है कि
मार्च में आयोजित सत्र में मुख्यमंत्री ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया था। हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी गैरसैंण पहुंचे और कहा था कि उन्हें सरकार तो कहीं मिली ही नहीं। सरकार का कहना था कि कोविड की वजह से लागू लॉकडाउन में गैरसैंण को तवज्जो नहीं मिल पाई।
अब सीएम का गैरसैंण जाना भी इसी दबाव का नतीजा माना जा रहा है। विधानसभा अध्यक्ष का कहना है कि ग्रीष्मकालीन राजधानी के बाद यह पहला मौका है। लिहाजा, सीएम ने भराड़ीसैंण जाना तय किया है
बहराल जो भी बात हो या सियासत दान जो भी मायने निकाले
बस बोलता उत्तराखंड तो यही कहता है पहाड़ का विकास
अभी नही तो फिर कब ???
प्रचंड बहुमत की सरकार में जो काम यदि नही हो पाया तो फिर आगे कभी होगा ये उमीद ना के बराबर है ।

 

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