
उत्तराखंड की अस्थाई राजधानी में आप जिसे अपना घर , दुकान ,मकान ,जमीन मानते है, जो आपकीं ही है , जिसे आपके माता पिता ने खरीदा था , या फिर सालो साल से किराए पर आप रह रहे है, या आपने अपनी पुरी जिंदगी कमा कर ये पूजी खरीदी हो
तो सावधान हो जाए
आपकीं जमीन, मकान
या फिर दुकान पर
आजकल उन लोगो की नज़र है जिन्हें जमीन माफिया कहा जाता है !
या फिर सौदागर !
ओर ये लोग अक्सर कमजोर
, बुजुर्ग ,लोगो की जमीन ,दुकान या फिर मकान को अपना निशाना बनाते है
ओर अक्सर सुनने में आता है कि ये लोग उससे पहले
वहां के आसपास के लोगो से लेकर रसूख दार ओर यहा तक कि कानून के दामन में दाग लगाने वालों को भी अपने साथ मिला लेते है!, या उन्हें भी कोई ना कोई लालच देकर रखते है।
ताकि इनके अनुसार समय आने पर किसी की पूंजी पर (जमीन, मकान ,दूकान,) पर कब्जा किया जा सके!
अब कल की एक घटना ही ले लो डॉ 0 कमल नैन भाटिया की 80 सालो से स्थित 40 आढ़त बजार मे दुकान है
जिसमे उनका पिछले 40 सालो से क्लीनिक है (ये दुकान उनके पिता के समय की है )
ओर आज यही पर वे लोगों का इलाज़ कर रहे है ।
लेकिन आजकल मौसम की खराबी ओर उससे अधिक सही बात उनका बुढ़ापा है मतलब उम्र अधिक होने की वजह से डॉ कमल नैन भाटिया 13 अगस्त की
सुबह जल्दी अपने दुकान
या क्लीनिक नही आ सके
लेकिन जब वे अपना क्लीनिक खोलने आये तो हालत देख घबरा गए, हके बक्के रह गए
क्योकि उनके क्लीनिक के ऊपर लगा उसका बोर्ड , व दुकान का शटर किसी अनजान व्यक्ति द्वारा क्षतिग्रस्त कर दिया गया था ,ओर शटर का ताला भी गायब कर रखा था और तो ओर बोर्ड भी उठा कर कोई ले गया ।
बहराल इस घटना की पूरी जांच हो और नापाक हरकत या कह सकते है कि जगह पर कब्जा करने की नज़र रखने वालों के नाम व उनके चेहरे उजागर हो इसके लिए देहरादून के लक्ष्मण चौक मै
स्थिति रिपोटिंग पुलिस चौकी पर
लिखित शिकायत भी दर्ज कराई गई है
अब पुलिस ईमानदारी से ,कार्य करते हुए इस घटना की सही जानकारी जुटा कर बुजर्ग के साथ इंसाफ कर सकती है
कि आखिर पूरा मामला है क्या ?
ताकि भविष्य मे डॉक्टर कमल को कोई परेशानी खड़ी ना हो
इस घटना के बाद पूरा बाज़ार व व्यापारी वर्ग के सभी नेताओं , दुकान दारो में काफी आक्रोस है
उनका कहना है कि यदि जल्द ही पूरी बात का खुलासा पुलिस नही करती तो वे सभी मिलकर
पुलिस अधिकारी से लेकर जिला अधिकारी तक का घेराव भी करेगे।