
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत हरेले के सुभ मोके पर अपने गाँव पहुचे जहा से उन्होंने लिखा है कि
आज हरेले के शुभ अवसर पर हमारे गांव #मोहनरी में “आमा-बूबू वन वाटिका” का महोत्सव बहुत उत्साहपूर्वक मनाया जा रहा है। गांव के जितने भी पुरूष थे घरों में, वो सब इस अभियान में सम्मिलित होने आये हैं और अपने-अपने पितृ पुरुषों के नाम पर पेड़ लगा रहे हैं। गांव में हम एक रजिस्टर बना रहे हैं जिसमें जिन्होंने वृक्ष लगाया है उनका नाम लिखा जायेगा और जब वो वृक्ष बड़ा हो जायेगा तो उसके पास में एक पट्टिका लगाई जायेगी जिसमें वृक्ष लगाने वाले से लेकर के उनके पूरे खानदान का दो-तीन पीढ़ियों का नाम अंकित रहेगा।
मैं चाहता हूं कि हमारे गांव के श्मशान के ऊपर की ये भूमि जहाँ भगवान शिव भी विराजमान हैं, इस वन वाटिका में हमारे गांव के बुजुर्गों का इतिहास सिमट जाय। यदि हमारा ये प्रयास सफल रहा तो मुझे उम्मीद है
कि चीड़ के वनों को जहां-जहां ग्राम पंचायतों में हैं, रिप्लेस करने के लिये यह अभियान बड़ा कारगर होगा। देखते हैं कितने लोग अनुसरण कर पाते हैं लेकिन मेरे गांव के लोगों ने तो हमारी बात मानी और इस अवसर पर वे सब यहां उपस्थित हैं।