उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यालय में जश्न का माहौल, मिठाइयां बांट रहे हैं समर्थक… क्या फिर सीएम बन रहे त्रिवेंद्र..

देहरादून: तीरथ सिंह रावत के इस्तीफा देने के बाद भले ही नए सीएम पद की दौड़ में कई नाम शामिल हों, लेकिन विधायक दल की बैठक से पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत के दफ्तर की जो तस्वीर देखने को मिल रही है, उससे ऐसा लग रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत एक बार फिर उत्तराखंड की कमान संभालने जा रहे हैं।

उत्तराखंड में सियासी उठापटक के बीच पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यालय में जश्न का माहौल है. त्रिवेंद्र रावत के समर्थकों ने उन्हें मिठाई खिलाकर जश्न मनाया है. उनके कार्यालय में भी मिठाइयां बांटी गई है.त्रिवेंद्र सिंह रावत के दफ्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का मुंह मीठा कराया. अन्य पार्टा कार्यकर्ताओं ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर जश्न मनाया है. अब सवाल यही खड़ा होता है कि यह जश्न किस बात का है ? पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि उत्तराखंड में सियासी संकट है. ऐसे में या तो किसी विधायक को सीएम बनाया जाए या उपचुनाव हो।

वहीं त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि तीरथ सिंह रावत को संबैधानिक संकट की वजह से इस्तीफा देना पड़ा। पूर्व सीएम ने कहा कि अब विधायकों में से ही सीएम होगा. जो परिस्थिति है उसमें यही मुमकिन है अन्यथा चुनाव में जाएं। बता दें, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के आवास पर सुबह से ही कार्यकर्ताओं का तांता लगा हुआ है। तमाम विधायक वहां मौजूद हैं. यही नहीं, कार्यकर्ताओं ने उत्साह में मिठाइयां भी बांट दी हैं. ऐसे में विधायक दल की बैठक से पहले ही चर्चाओं का बाजार एक बार फिर से गर्म हो गया कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत एक बार फिर उत्तराखंड की कमान संभालने जा रहे हैं।

पार्टी कार्यकर्ताओं का जोश भी इस ओर ही इशारा करता है कि नाम लगभग तय हो गया है. ऐसे में भाजपा प्रदेश कार्यालय में 3 बजे होने वाले विधायक मंडल दल की बैठक में औपचारिक घोषणा कर दी जाएगी.

विधायक की नाराजगी आई सामने

वहीं उत्तराखंड में मुख्यमंत्री को बदलने के बाद अब बीजेपी विधायकों की नाराजगी सामने आने लगी है. राजपुर से बीजेपी विधायक खजान दास ने मुख्यमंत्री को बदलने पर नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की जनता ने 2014 के लोकसभा चुनावों में पांचों सीटें बीजेपी के खाते में डाली. 2017 के विधानसभा चुनाव में 57 सीटों के साथ बीजेपी की सरकार बनाई और अब बार-बार इस तरह से सीएम बदलना ठीक नहीं है. इससे कार्यकर्ता भी नाराज हैं और यह प्रदेश की जनता के साथ भी धोखा है.

 

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