उत्तराखंड मे रामनगर में तीन दिन से चल रहा भाजपा का चिंतन शिविर आज खत्म हो गया है. चिंतन शिविर में नवंबर तक के कार्यक्रम तैयार हो गए हैं. चिंतन शिविर में 2022 विधानसभा चुनाव का रोडमैप तैयार किया गया है. 2022 विधानसभा चुनाव की तैयारियों की रणनीति पर चर्चा की गई.
चिंतन शिविर के मंथन से फैसला निकला कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में पार्टी का चेहरा होंगे. बीजेपी प्रधानमंत्री के नाम पर ही वोट मांगेगी. तैयारी इतनी पुख्ता की जा रही है कि नवंबर में प्रधानमंत्री की उत्तराखंड में एक बड़ी रैली भी रखी गई है.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने बताया कि 2022 विधानसभा चुनाव को लेकर सभी तैयारियां कर दी गई हैं. बैठक में तैयारियों के साथ ऐसे मुद्दों पर चर्चा की गई जिनसे राज्य को नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों के बारे में चर्चा की गई. बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा की गई. जुलाई में भाजपा जिला कार्यसमिति आयोजित की जाएगी. शक्ति केंद्रों की बैठकें भी जुलाई के महीने में की जाएंगी.
मदन कौशिक ने कहा कि जुलाई में बूथ समितियों का सत्यापन शुरू किया जाएगा और पन्ना प्रमुख बनाने का भी अभियान शुरू कर दिया जाएगा. चुनाव रचना के लिए सभी विधानसभा सीटों में विधानसभा प्रभारी और संयोजक बनाए जाएंगे. 1 जुलाई को सभी मोर्चों की बैठक देहरादून में आयोजित की जाएगी. सितंबर में सभी पदाधिकारियों द्वार मंडल स्तर पर बैठक की जाएगी. भाजपा जनसंपर्क अभियान अक्टूबर में शुरू किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि विधायक, मंत्री और पार्टी पदाधिकारी कार्यकर्ता संपर्क अभियान में शामिल होंगे. नवंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड में रैलियां करेंगे. दिसंबर के महीने में पूरे प्रदेश में भाजपा संपर्क यात्रा करेगी.
सीएम तीरथ और पूर्व सीएम त्रिवेंद्र के जलवे पर भरोसा नहीं
दरअसल बीजेपी ने त्रिवेंद्र रावत को उनके चार साल पूरे होने से पहले ही पद से हटा दिया था. ऐसे में पार्टी उनके चेहरे से चुनाव में जाने का जोखिम लेने की स्थिति में नहीं है. अगर त्रिवेंद्र के नाम पर वोट मांगे तो वोटर पूछ सकता है कि अगर वो इतने ही लायक थे तो उन्हें पद से हटाया क्यों था. विपक्षी दल भी इसे मुद्दा बना सकते हैं. उधर तीरथ का चुनाव तक मुश्किल से 10 महीने का ही कार्यकाल पूरा होगा. ऐसे में वो पांच साल की उपलब्धियों पर कैसे वोट मांगेगे. इसे ध्यान में रखते हुए ही बीजेपी ने पीएम मोदी के चेहरे पर ही चुनाव में उतरने का फैसला किया है.