
देवभूमि मैं सड़क हादसों की मानो बाढ़ सी आ गई है आये दिन उत्तराखंड के पहाड़ मैं कभी छोटी गाड़ी तो कभी बस के गिरने की दुःखद ख़बर आती है। ओर हर बार लोगो के इस सड़क हादसे मैं दुःखद आकाल मौत की ख़बर ओर घायलो कि सूची सामने आ जाती है
इन खबरों को लिख कर , बताते समय यकीन मानिए हमको भी बेहद दर्द होता है।कभी कभी तो आंखे भीग जाती है उन चीख पुकार को सुनकर उन दर्दनाक तस्वीरों को देख कर।
दिल रोता है और अक्सर आँखे भर आती है ।
आज भी यानी मंगलवार को एक नही बल्कि तीन तीन सड़क हादसे हिये पहाड़ में ओर बड़ा सड़क हादसा हुवा पौड़ी गढ़वाल के सगला कोटी से 7 किलोमीटर दूर बता दे कि जब पौड़ी गढ़वाल के बैजरो से कोटद्वार जा रही बस खाई में गिर गई। ओर इस हादसे ख़बर लिखे जाने तक तीन लोगों की दर्दनाक मौत हो गई जो दुःखद है वहीं ख़बर लिखे जाने तक 21 यात्री घायल बताए गए तो 2 गम्भीर घायल।
है भगवान सबको जल्द स्वस्थ करे।और जिनकी इस सड़क हादसे मैं जान चली गई उनके परिवार को ये ना सहने वाला असीम दर्द , दुख को सहने की शक्ति भगवान दे।
बता दे कि जीएमओयू की ये बस रीठाखाल के पास बेकाबू होकर 500 मीटर गहरी खाई में जा गिरी थी। सूचना मिलते ही पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुँची ओर रेस्क्यू किया और घायलो को तत्काल अस्पताल पहुँचाया ।
पूरा मंगलवार का दिन गढ़वाल पर भारी पड़ा और लगातार तीन हादसे से उत्तराखंड सहम गया । वही चमोली में एसएसबी का वाहन भी नदी में गिर गया। तो गोपेश्वर में भी बोलेरो सड़क से नीचे जा गिरा।
कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाईवे पर मंगलवार दोपहर को आमसौड़ के पास सशस्त्र सीमा बल यानी एसएसबी की एक जीप दुर्घटनाग्रस्त होकर पिंडर नदी में समा गई। दुर्घटना में एसएसबी के डिप्टी कमांडेंट अशोक कुमार लापता बताए जा रहे हैं।
जबकि ख़बर है कि चालक को स्थानीय लोगों ने पिंडर नदी की तेज धारा से निकालकर बचा लिया है। चालक को एंबुलेंस 108 की मदद से सीएचसी कर्णप्रयाग में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। तो गोपेश्वर-घिघराण रोड पर दोपहर एक बजे एक अन्य दुर्घटना हुई। घिघराण की ओर जा रही एक बोलेरो अनियंत्रित होकर लगभग 15 मीटर नीचे दूसरे रोड पर जा गिरा। इस वाहन में आठ लोग मौजूद थे, जिसमें से एक की मौत हो गई। पांच की हालत गम्भीर बताई जा रही है। ये बताया जा रहा है कि बाइक सवार को बचाने के कारण बोलेरो चालक नियंत्रण खो बैठा और 15 मीटर नीचे दूसरे रोड पर जा गिरा। दुःख द।
अब इन बढ़ते सड़क हादसों को देख कर क्या कहे।किसे दोष दे।
कभी चालक की गलतियां निकलती है। कभी सड़क की, कभी लापरवाही की, तो कभी आपके जागरूक ना होने की वजह से जी हां आपको
बता दे कि पौड़ी बस हादसे मैं तो घायलों ने डीएम, एसएसपी और पुलिस अधिकारियों को बताया कि चालक और परिचालक दोनों नशे में थे और दोनों ने संगलाकोटी बाजार के एक होटल में शराब पी थी। तो वहीँ पुलिस उपाधीक्षक अनिल जोशी ने बस सवार घायलों के हवाले से बताया कि बैजरो से चलने के वक्त से ही चालक और परिचालक में किसी बात को लेकर बहस हो रही थी। पूरे रास्ते यही चलता रहा, ओर इस हादसे के समय भी परिचालक की तरफ देखकर चालक उसे जवाब दे रहा था, तभी बस खाई में लुढ़क गई। दोनों के शराब के नशे में होने की भी चर्चा घायलों ने की।
बहराल हम इन बात को सच तब तक नही मानते जब तक इस हादसे की जांच रिपोर्ट नही आ जाती क्योकि किसी पर भी आरोप लगाना बिना पड़ताल के ठीक नही।
पर बोलता उत्तराखंड तो आपसे यही कहता है हर बार की आप जागरूक रहे , खुद गाड़ी चला रहे हो या गाड़ी मैं सवारी कर रहे हो।
शराब पी कर ना खुद गाड़ी चलाये ना किसी दूसरे को चलाने दे। फिर वो सड़क पहाड़ो की हो या मैदानी इलाकों की।
चालक से गाड़ी चलाते समय ना खुद बात करे ना किसी दूसरे को करने दे।
ओर ना ही गाड़ी चलाते समय फोन पर बात।
चालक के गाड़ी चलाने के अनुभव को भी नोट करे।
रफ्तार से तेज़ी से पहाड़ो में ना गाड़ी चलाये ना चलाने दे।
मौसम के मिजाज ओर कोहरे पर भी नज़र रखे।
ओर ओवर लोडिंग से जितना हो सके आप बचे।
बाकी रही बात सडक़ की गुडवत्ता की, गाड़ी के फिटनेस की, तो ये बात भी अहम है ।पर जिस काम को हम कर सकते है देख सकते है उस पर सदैव हमारा यात्रा करने के दौरान फ़ोकस रहे ये निवेदन आप से करता है बोलता उत्तराखंड ।
ओर इस बात को ना रटे की जो होना था हो गया भगवान कि यही मर्ज़ी थी। याद रखे कि ऊपर वाला भी उसकी ही मदद करता है जो खुद महेनत करता है। सब कुछ भगवान पर ऊपर वाले पर नही थोपता।
हम कुछ बढ़ते सड़क हादसों पर लगाम लगा सकते है।बस जरूरत है ऊपर वाले कि दी गई अनमलो ज़िन्दगी को समझने की। क्योंकी किसी एक कि गलती या कमी से कही घर कही ज़िंदगी बर्बाद हो जाती है हस्ता खेलता घर उजड जाते है।