
आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का पांचवां साल है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने झारखंड की राजधानी रांची में लगभग 40,000 से अधिक लोगों के साथ विभिन्न आसन किए। वही भारत सहित विश्व के कई देशों में योग दिवस मनाया गया। इस साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम ‘क्लाइमेट एक्शन है’। देश के अलग-अलग हिस्सों से योग की भव्य तस्वारें सामने आई
बता दे कि पांचवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रांची के धुर्वा स्थित प्रभात तारा मैदान में 40 हजार से ज्यादा लोगों के साथ योग किया। प्रधानमंत्री के साथ झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, मुख्यमंत्री रघुवर दास, केंद्रीय आयुष मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीपद येसो नाइक और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी भी मौजूद रहे।
वही इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि – योग सबका है, सब योग के हैं।
वही दूसरी तरफ
आज पांचवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह ने देहरादून के पवेलियन मैदान मुख्य कार्यक्रम का उद्घाटन किया। कार्यक्रम सुबह सात बजे शुरू हुआ। शिविर में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि योग वसुदेव कुटुम्बकम की परिकल्पना को साकार कर रहा है। योग की सुविधा हर क्षेत्र में उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने जिम में भी योग की व्यवस्था कराने को कहा है, ताकि जिम के साथ साथ लोग योग कर सके।
योग शिविर में मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत, डॉ. धन सिंह रावत, मुख्य सचिव उतपल कुमार सिंह, डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी, समेत भाजपा के विधायक और मंत्रियों ने भाग लिया। वहीं योग की ब्रांड एंबेसडर दिलराज कौर के साथ हजारों लोगों ने एक साथ योग किया। पवेलियन मैदान में सुबह सात बजे से आठ बजे तक योग शिविर का आयोजन किया गया।
दिलराज प्रीत कौर ब्रांड एंबेसडर बनने के बाद पहली बार योग शिविर के लिए बुलाया गया। दिलराज प्रीत कौर को वर्ष 2015 में योग की ब्रांड एंबेसडर बनाया गया था। इसके साथ ही राजधानी देहरादून सहित राज्यभर में योग दिवस पर शिविर आयोजित किए गए। हरिद्वार, ऋषिकेश, हल्द्वानी सहित सभी जिलों में योग शिविर आयोजित किए गए।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर पैवेलियन ग्राउंड देहरादून में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने हजारों योग साधकों के साथ योगाभ्यास किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि नियमित योग हमें मानसिक व शारीरिक रूप से स्वस्थ बनाने में मददगार रहता है। योग को जनआंदोलन बनाने के लिए आम आदमी की सहभागिता को उन्होंने जरूरी बताते हुए कहा कि योग की धारा देवभूमि उत्तराखण्ड से प्रवाहित हुई है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि ‘योग’ भारतीय सभ्यता, संस्कृति तथा जीवन शैली का अभिन्न अंग रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के सार्थक प्रयासों से योग को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलना देशवासियों के लिए गर्व की बात है। योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाकर ही हम स्वस्थ भारत की कल्पना कर सकते हैं। स्वस्थ भारत के लिए योग को गांव-गांव, घर-घर तक पहुंचाने की जरूरत है।
वही योग दिवस के मोके पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत जी ने अपनी फेसबुक पेज पर लिखा है कि सभी योगियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। हमारे राज्य में भी योग दिवस उत्साहपूर्वक मनाया जा रहा है। हमने दो स्थानों पर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में #योग_महोत्सव मनाने का निर्णय लिया था और उसको क्रियान्वित भी किया था। अब #ऋषिकेश में तो परंपरा निभ रही है मगर #जागेश्वर में जहां महान योगी भगवान शिव विराजमान हैं वहां पिछले वर्ष भी इस वर्ष भी अन्तर्राष्ट्रीय योग मिलन आयोजित नहीं किया गया है। हमने #योग में #उत्तराखंड की पहचान और गहरी हो इसके लिये उत्तराखंड की एक बेटी को योग का ब्रांड अम्बेसडर बनाया था, वो भी उपेक्षा की शिकार है। हमने दो योग सर्किट पहला ऋषिकेश के 30 किलोमीटर की परिधि के सभी विद्यालयों को और जागेश्वर में 50 किलोमीटर के दायरे में आने वाले सभी विद्यालयों में योग प्रशिक्षक नियुक्त कर उनको योग प्रशिक्षण केंद्रों के रूप में उस क्षेत्र को विकसित करने का काम प्रारंभ किया था, वो भी अब आगे नहीं बढ़ रहा है। हमने पुलिस को ये दायित्व सौंपा था और उन्होंने काम भी प्रारंभ किया था कि वो #देहरादून के गांधी पार्क, #हल्द्वानी में एक सार्वजनिक पार्क सहित जितने भी बड़े महानगर हैं, बड़े नगर हैं वहां एक-एक #योग_पार्क अपनाएं और उसको विकसित करें ताकि वहां आने वाले लोग उन स्थलों पर प्रात:काल योगाभ्यास कर सकें, वो योजना भी कितनी आगे बढ़ रही है मुझे मालूम नहीं है।
कुमाऊं मंडल और गढ़वाल मंडल निगमों में हमने योग केंद्र स्थापित करने और वहां पर एक योग प्रशिक्षक नियुक्त करने की बात कही थी, वो योजना भी आगे नहीं बढ़ पा रही है। हमने सबसे योजना महत्वाकांक्षी योजना का शुभारंभ किया था ऋषिकेश से लेकर हर्रावाला तक एक #योग_मार्ग विकसित करने का, वो काम भी अधूरा पड़ा है। तो आइए योग दिवस पर इन अधूरी पहलों के साथ कुछ नई पहलों की उम्मीद करें ताकि योग एक दिन का इवेंट मैनेजमेंट ना होकर ये लोगों के लिये एक लाठी बन सके।