हरीश रावत बोले त्रिवेन्द्र रावत मुझ से अधिक होशियार है , ओर त्रिवेन्द्र सिंह चालीसा पढ़ने को तैयार हो जाओ

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत आज उनके बीच तीसरी बार पहुचे जो अपनी
मांगों को लेकर देहरादून में पिछले 51 दिनों से धरने पर बैठे है।


जी हां हम बात कर रहे है 108 एंबुलेंस सेवा के पूर्व कर्मचारियों की जिनके समर्थन में बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री कांग्रेसी नेता हरीश रावत पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कर्मचारियों के साथ लगभग 3 घण्टे धरने स्थल पर ही बिताए।
हर दा ने कहा कि 108 के पूर्व कर्मचारियों की मांग जायज है। सरकार कर्मचारियों की अनदेखी कर रही है। ओर सरकार को कर्मचारियों की मांगों पर ध्यान देना चाहिए।
आपको बता दे कि पिछले कई दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे एंबुलेंस सेवा 108 सेवा व खुशियों की सवारी के पूर्व कर्मचारियों ने शनिवार को केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक को भी ज्ञापन सौंपा था। कर्मचारियों ने ज्ञापन के माध्यम से अपनी पीड़ा उनके सामने रखी थी। लेकिन इसके बाद भी मांगों पर कोई विचार नहीं हुआ।  इन लगभग 700 से अधिक कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें नई कंपनी कैंप में समायोजित किया जाए।

उन्हें पहले के जितना वेतन दिया जाए।
जहां वे तैनात थे वहां पर ही तैनाती दी जाए।
नई कंपनी में अनुभवहीन कर्मचारियों को भर्ती न किया जाए।
नई कंपनी के साथ भी पहले के जैसा ही अनुबंध किया जाए।
आज जब उनके धरने पर हरीश रावत मौजूद थे तो , उनके साथ पूर्व विधान सभा अध्यक्ष
गोविंद सिंह कुंजवाल , केदारनाथ विद्यायक मनोज रावत, पूर्व मुख्यमंत्री जर्नल खडूडी के बेटे और कांग्रेस के नेता मनीष खडूडी भी मोजूद रहे।
सबने मिलकर त्रिवेन्द्र सरकार पर जमकर हमला बोला और एलान किया कि आगमी सत्र में कांग्रेस 108 के पूर्व कर्मचारियों की आवाज़ सत्र में उठाएगी।

वही हरीश रावत ने कहा कि मैने तो इन 108 के कर्मचारियों से आग्रह किया है कि अगर त्रिवेन्द्र सरकार तुमारी माग मान ले तो आप सब त्रिवेंद्र चालीसा करते रहना ।
इसके साथ ही जब उनसे सवाल किया गया कि त्रिवेन्द्र सरकार मैं अब तक कितनो को रोजगार मिला आपकी नजर में तो हरीश रावत बोले कि मैने युवाओं को रोजगार देने की गलती की तो जनता ने दो दो जगह से चुनाव हरा दिया । मेने बेरोजगारी का वार्षिक वृद्धि दर घटाया था फिर भी मेरी विदाई हो गई।
तो त्रिवेन्द्र सिंह होशियार आदमी  है । इस रावत से वो रावत समझदार है वे कह रहे है कि भई जब बेरोजगार रहेगे तब भी हम पर भरोषा करेगे तभी तो वोट डालेंगे।

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