परिवर्तन यात्रा बनाम जनसंपर्क अभियान से उठ रहे सुलगते सवाल
देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस के अध्यक्ष प्रीतम सिंह परिवर्तन यात्रा शुरू तो कर दी, लेकिन संगठन के इस कार्यक्रम को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के जनसंपर्क कार्यक्रम से कड़ी चुनौती मिल रही है। खराब मौसम के बावजूद उत्तराखंड में हरीश रावत का जनसंपर्क अभियान जारी है तो पर्वतीय क्षेत्रों में प्रदेश संगठन की परिवर्तन यात्रा बाधित रही। हालांकि कांग्रेस संगठन को मौसम का मिजाज बदलने के साथ ही तुरंत बाधित परिवर्तन यात्रा को शुरू करना पड़ा है। प्रदेश संगठन ने दूसरे चरण की यात्रा की तारीख 29 जनवरी से तय कर दी है।
परिवर्तन यात्रा में मौसम ने डाला खलल गौरतलब है कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह की अगुवाई में प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने बीती 21 जनवरी से टिहरी संसदीय सीट के जौनसार बावर क्षेत्र से परिवर्तन यात्रा प्रारंभ की थी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय की मौजूदगी में परिवर्तन यात्रा का जोर-शोर से आगाज हुआ था। लेकिन इस परिवर्तन यात्रा पर मौसम ने खलल डाल दिया। भारी बर्फबारी के चलते प्रदेश संगठन ने अपनी परिवर्तन यात्रा बीच में ही रोक दी।
हरीश के जनसंपर्क अभियान से मिल रही कड़ी चुनौती वहीं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के जनसंपर्क अभियान से परिवर्तन यात्रा को पहले ही दिन से चुनौती मिल रही है। हरिद्वार संसदीय क्षेत्र में गन्ना-गंगा यात्रा के जरिये अपनी पुरजोर मौजूदगी दर्ज करा चुके हैं। यही नहीं हरीश रावत कुमाऊं मंडल में म्यर मैत कार्यक्रम के जरिये संसदीय क्षेत्रों में जनसंपर्क अभियान छेड़े हुए हैं। इसमें खास बात ये भी है कि हरीश रावत ने खराब मौसम के बावजूद अपनी सियासी सक्रियता और जनसंपर्क अभियान बाधित नहीं होने दिया है।
परिवर्तन बनाम जनसंपर्क यात्रा के एक साथ चलने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। बोलने वालों को बोलने का मौका भी खूब मिल रहा है। बड़ा सवाल यह है कि लोकसभा चुनाव में राज्य की पांचों सीटों पर जीत का सपना संजोये कांग्रेस में सबकुछ ठीक ठाक है या नहीं?