25 फरवरी की रात लगभग 10.30 बजे थराली से बीजेपी विधायक स्वर्गीय मगन लाल शाह के निधन के पीछे उनके फेफड़ों में संक्रमण बताया गया था लेकिन उनके मरने के बाद जो चौंकाने वाला खुलासा हुआ जिसमें उनकी मौत के पीछे स्वाइन फ्लू की बात निकल कर सामने आयी जिसकी पुष्टि एनसीडीसी की रिपोर्ट में हुई. हालांकि रिपोर्ट आने से पहले ही मगन लाल शाह इस दुनियां से जा चुके थे. लगता है उत्तराखंड में देर से जागना अब सरकारी सिस्टम की फितरत बन चुकी है। अब विभाग हाथ-पाँव मार रहा है जब इस बीमारी से एक शख्स की मौत हो गयी वो भी ख़ुद सरकार के अपने पार्टी के विधायक की. दरअसल स्वाइन फ्लू के वायरस और मौसम में गहरा संबंध है। 30डिग्री से कम तापमान पर फैलने वाले इस वायरस के लिए सर्दी का मौसम सबसे मुफीद माना जाता है कम तापमान और ज्यादा नमी के कारण हवा घनी होती है, जो वायरस के एक्टिव होने में मददगार बनती है.
दिवंगत थराली विधायक मगनलाल शाह की जांच रिपोर्ट के बाद ये सवाल उठ रहा है कि आखिर जांच रिपोर्ट आने में इतनी देरी क्यों हुई।
ये हैं स्वाइन फ्लू के लक्षण
सर्दी, जुकाम, सूखी खांसी, थकान होना, सिरदर्द और आंखों से पानी आना। इसके अलावा स्वाइन फ्लू में सांस भी फूलने लगती है। अगर संक्रमण गंभीर है तो बुखार तेज होता जाता है।
स्वाइन फ्लू के कारण
इंफ्लूएंजा-ए वायरस के एक प्रकार एच1 एन1 से स्वाइन फ्लू उत्पन्न होता है। यह वायरस साधारण फ्लू के वायरस की तरह ही फैलता है। स्वाइन फ्लू का वायरस बेहद संक्रामक है और एक इंसान से दूसरे इंसान तक बहुत तेजी से फैलता है। जब कोई खांसता या छींकता है तो छोटी बूंदों में से निकले वायरस कठोर सतह पर आ जाते हैं। यह वायरस 24 घंटे तक जीवित रह सकता है।
ये बरतें सावधानियां
– गंभीर बीमारियों से ग्रसित, कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले, सर्दी-जुकाम से पीडि़त, बच्चे और बुजुर्गों को विशेष तौर से सावधानी बरतने की जरूरत है।
– इस बीमारी से बचने के लिए स्वच्छता का खासतौर पर ध्यान रखना चाहिए। खांसते और छीकते समय टीशू से कवर रखें।
– बाहर से आकर हाथों को साबुन से अच्छे से धोएं और सेनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
– जिन लोगों में स्वाइन फ्लू के लक्षण हों, उन्हें मास्क पहनना चाहिए और घर में ही रहना चाहिए।
– स्वाइन फ्लू के लक्षण वाले मरीज से संपर्क व हाथ मिलाने से बचें। नियमित अंतराल पर हाथ धोते रहें।
– जिन लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही हो और तीन-चार दिन से तेज बुखार हो, उन्हें तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
– स्वाइन फ्लू केलिए गले और नाक के द्रव्यों का टेस्ट होता है। जिससे एच1एन1 वायरस की पहचान की जाती है। ऐसी कोई भी जांच डॉक्टर की सलाह के बाद कराएं।