ख़बर पढ़े : पितृदोष से आ रही जीवन में परेशानी? आषाढ़ी अमावस्या के दिन करें ये उपाय

ख़बर पढ़े : पितृदोष से आ रही जीवन में परेशानी? आषाढ़ी अमावस्या के दिन करें ये उपाय

 

Ashadha Amavasya 2022: कुंडली के कुछ दोष ऐसे होते हैं, जिनकी वजह से जीवन भर परेशानियां बनी रहती हैं। अगर इनका उपाय नहीं किया गया, तो तरक्की में लगातार बाधाएं आती रहती हैं और जातक को समझ में नहीं जाता कि क्या किया जाए। ज्योतिष के मुताबिक ऐसे ही दोषों में शामिल है कालसर्प दोष और पितृ दोष। अगर आप भी ऐसी समस्याओं से परेशान हैं, तो इनके उपाय का एक मौका आपके पास भी है। आषाढ़ माह में पड़ने वाली अमावस्या को आषाढ़ी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस दिन पितरों के लिए कुछ उपाय किए जाएं तो पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और सभी समस्याओं का समाधान होता है।

आषाढ़ माह की अमावस्या तिथि को हलहरी अमावस्या या आषाढ़ी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। पितरों के कार्यों के लिए आषाढ़ी अमावस्या बहुत शुभ मानी जाती है। इस बार आषाढ़ी अमावस्या 28 जून को पड़ रही है। मान्यता है कि इस दिन पितरों की शांति के लिए किए गए स्नान-दान और तर्पण से पितरों को बहुत प्रसन्नता होती है। इससे उनका आशीर्वाद मिलता है और परिवार में सुख-समृद्धि आती है। यदि आपके घर में पितृ दोष है या आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है तो आषाढ़ी अमावस्या का दिन इसके निवारण के लिए बहुत अच्छा है। तो चलिए आपको बताएं कि इस दिन पितरों की तृप्ति और कुंडली के दोषों के निवारण के लिए क्या उपाय करने चाहिए।

1. इस दिन सुबह जल्दी उठकर पवित्र नदियों में स्नान करें। अगर आप किसी नदी के किनारे नहीं जा सकते तो घर के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। इसके बाद पितरों का श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण करें। इससे पूर्वज प्रसन्न होते हैं और पितृ दोष दूर होता है।

2. अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करें। एक कलश में पानी और दूध और मिश्री मिलाकर पेड़ पर जल चढ़ाएं।
3. इस दिन तेल का दीपक जलाएं साथ ही जानवरों और पक्षियों को दाना-पानी खिलाएं। इससे अपने पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है और इससे पितरों को बहुत शांति मिलती है।

4. यदि आपके घर में पितृ दोष है तो अमावस्या के दिन पीपल का पौधा लगाएं और यह सेवा करें। साथ ही हर अमावस्या के दिन इस पौधे के नीचे दीपक जलाएं। इससे पितृ दोष का प्रभाव दूर होता है और आपके जीवन की सभी समस्याएं समाप्त हो जाती है

5. अमावस्या के दिन किसी ब्राह्मण को घर में आमंत्रित कर सम्मानपूर्वक भोजन कराएं। इसके अलावा गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें। इससे आपको अपने पूर्वजों का आशीर्वाद मिलेगा।

6. पितरों की शांति के लिए अमावस्या के दिन रामचरितमानस या गीता का पाठ करना चाहिए।

7. इसके अलावा पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए इस मंत्र का जाप करें।

पितृगणाय विद्माहे जगत धारिणी धिमहि तन्नो पितृ प्रचोदयात। ऊं आद्य-भूताय विद्महे सर्व-सेव्यय धिमहि, शिव-शक्ति स्वरुपेण पितृदेव प्रचोदयात। ऊं देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव चा, नमः स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नमः।।

नोट :

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