
देहरादून आते ही एक्शन में दिखे मुख्यमंत्री धामी, चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं की करी समीक्षा बैठक , कुछ लापरवाही पर जताई नाराजगी ,यात्रा व्यवस्थाओं की निगरानी हेतु एक्सपर्ट कमेटी के गठन के निर्देश दिए पढे पूरी रिपोर्ट
शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का चंपावत उपचुनाव में ऐतिहासिक विजय के बाद देहरादून पहुंचने पर बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं एवं आम जनता द्वारा गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया परेड मैदान से आरंभ हुए रोड शो में मुख्यमंत्री के जयकारो के साथ भी बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता एवं आम जनता साथ चलती रही पार्टी कार्यलय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उपचुनाव में सहयोग के लिये सभी का व्यक्तिगत रूप से आभार जताते हुए प्रदेशवासियों के साथ ही विशेष रूप से चंपावत की जनता का हृदय से आभार व्यक्त किया तथा जनता के विश्वास एवं भरोसे पर समर्पित भाव से कार्य करने की प्रतिबद्धता दोहराई मुख्यमंत्री ने कहा कि चम्पावत उपचुनाव की बड़ी जीत ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी भी दी है। उनका हर पल प्रदेश की जनता की सेवा के लिये समर्पित है।
उन्होंने कहा कि राज्य वासियों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का उनका सतत् प्रयास रहेगा साथ ही उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि प्रचंड बहुमत / वोटो से हम जीते जरूर हैं लेकिन हमारे अंदर अहंकार नहीं आना चाहिए हमारी नम्रता और विनम्रता बनी रहनी चाहिए और अब हमारी जिम्मेदारियां अधिक बढ़ गई है
जिसके बाद मुख्यसेवक धामी ने सीधे
अपने आवास पर जाकर अफसरों के साथ चार धाम यात्रा की व्यवस्थाओं पर समीक्षा बैठक की
आपको बता दे की विश्व प्रसिद्ध चार धाम यात्रा को व्यवस्थित, सुरक्षित एवं सुगम बनाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 11 मई को कैबिनेट मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंपी थी केदारनाथ धाम में यात्रा व्यवस्था की जिम्मेदारी कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ओर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल को बदरीनाथ यात्रा की जिम्मेदारी सौंपी गई थी
ओर यही कैबिनेट मंत्री कल चार धाम यात्रा व्यवस्थाओं की समीक्षा बैठक से गायब रहे
सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चंपावत उपचुनाव के दौरान भी लगातार चार धाम यात्रा की व्यवस्थाओं पर पल पल अपडेट थे..
उन्हें पल-पल की जानकारी थी कि केदारनाथ से लेकर बद्रीनाथ ,गंगोत्री यमुनोत्री में प्रत्येक दिन कितने आदमी जा रहे हैं कब पंजीकरण बंद हो रहा है कब पंजीकरण खुल रहा है कहां जाम लग रहा है कहां जाम नहीं लग रहा है क्या चुनौतियां यात्रा के आगे आ रही है और कहां पर श्रद्धालुओं को दिक्कतें हो रही है. आस्था का महासैलाब उत्तराखंड में उमड़ा हुआ है इसलिए परेशानी होना वाजिब है लेकिन लापरवाही कहां पर हो रही है ओर क्या किया जा सकता है और क्या नही हो रहा है इस पर धामी नजर बनाये बैठे थे तो निर्देश भी लगातार वही से दे रहे थे
ओर फिर कल देहरादून आते ही मुख्यमंत्री धामी ने चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं की समीक्षा बैठक कर डाली
सुना है उन्होंने अफसरों सहित जिनकी जवाबदेही बनती थी उनकी
कुछ कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताई
ओर चार धाम यात्रा व्यवस्था में हो रहीं कुछ लापरवाही पर भी खूब भड़के
जिसके बाद उन्होंने यात्रा व्यवस्थाओं की निगरानी हेतु एक्सपर्ट कमेटी के गठन के निर्देश दिए
साथ ही पर्यटन, स्वास्थ्य, परिवहन एवं एस०डी० आर० एफ० को संयुक्त रूप से यात्रा व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के निर्देश भी दे डाले
मुख्यसेवक धामी ने यात्रा के दौरान यात्रियों के स्वास्थ्य को लेकर चिन्ता भी व्यक्त की इस सम्बन्ध में प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
वही धामी ने कहा कि यात्रा के दौरान हो रही मृत्यु के वास्तविक कारणों की भी सही स्थिति जनता के समक्ष रखी जाए। ताकि चार धाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु आवश्यक एहतियात बरतें। उन्होंने इसके लिये बुजुर्ग एवं अस्वस्थ लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण की कारगर व्यवस्था सुनिश्चित करने को भी कहा।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि बुजुर्ग लोग अपना स्वास्थ्य परीक्षण के बाद ही यात्रा पर आए, इसकी व्यवस्था पर ध्यान दिया जाए।
साथ ही नियमित रूप से मीडिया को भी वस्तुस्थिति से अवगत कराये जाने की व्यवस्था सुनिश्चित कराये जाने के निर्देश दिए गए
इस बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव श्रीमती राधिका झा, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, महानिदेशक सूचना एवं परिवहन आयुक्त रणवीर सिंह चौहान, अपर सचिव सी. रविशंकर, महानिदेशक स्वास्थ्य के साथ ही सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे पर जिन मंत्रियों को चार धाम यात्रा को व्यवस्थित, सुरक्षित एवं सुगम बनाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 11 मई को जिम्मेदारी सौंपी थी केदारनाथ धाम में यात्रा व्यवस्था की जिम्मेदारी कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ओर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल को बदरीनाथ यात्रा की जिम्मेदारी सौंपी गई थी वो इस महत्वपूर्ण बैठक से गायब थे