उत्तराखंड : नशे के काले धंधे के बड़े शहर बनते जा रहे है हरिद्वार, ऋषिकेश पर आखिर कैसे , क्या पुलिस कुछ नही जानती सरकार !

देवभूमि उत्तराखंड की धर्म नगरी हरिद्वार ओर योग की नगरी कही जाने वाला ऋषिकेश के हाल किसे से छिपे नही फिर भी
ये नशे के काले धंधे के बड़े शहर बनते जा रहे है आखिर कैसे ??
क्या पुलिस कुछ नही जानती
या जानकर अनजान है या फिर पकड़ नही पाती!


बता दे कि
हरिद्वार ओर ऋषिकेश .
.नशे के काले धंधे के बड़े शहर बनते जा रहे हैं.
ओर पुलिस पता नहीं क्यों उन हरामियो को नहीं पकड़ पाती जो उनकी नाक के नीचे इस धंधे को अंजाम दे रहे हैं….
पहले बात करते हैं ऋषिकेश कीं जहाँ सूखे नशे के साथ अवेध शराब कीं बिक्री चरम पर हैं..
एक संगठित गिरोह मिनी ठेके के नाम से प्रचलित रामू अंजाम दे रहा हैं…
चन्द्रभागा पुल के पास बिन्नू ओर बस अड्डे के पास छोटू White ब्लैक एक्टिवा पर दिनरात नशा परोसने का धंधा करते हैं…
रेखा ओर मछर नामक प्राणी से आप जब चाहे ..होम डिलीवरी ले सकते हैं
.हरियाणा ओर चण्डीगड़ के माल की इनके पास काफ़ी भरमार हैं..बताते हैं इनको बड़े नहीं छोटे ख़ाकी वालों का पूरा सहयोग हैं…


छापे कीं भनक इनको पहले लग जाती हैं..ऐसे में काम दोनो का चल जाता हैं…
हरिद्वार में शराब कीं घर घर बिक्री किसी से छिपी नहीं हैं…
लेकिन इंजेक्शन ओर पुडिया कीं माँग ने अब काफ़ी रफ़्तार पकड़ लीं हैं..आसपास के इलाक़ों से इनको लेने लोग धर्मनगरी आते हैं..
जिसने कुछ कथित साधु ..अच्छे घरों कीं लड़किया..ओर हर उम्र के वो फनयर हैं..जिन्होंने इस सूखे नशे से ख़ुद को खोखला कर लिया हैं..
ऐसा नहीं हैं पुलिस इस धंधे से बेख़बर हैं…पर वो क्यों आँखें मूँदे हैं..मुझ से ज़्यादा आप जानते होंगे…उत्तराखंड स्तर पर नशे के नेक्सेस को तोड़ने के बड़े दावे किये जाते हैं..लेकिन हक़ीक़त जानने के लियें ख़ाकी के रक्षक..सिविल ड्रेस में निकले तो पता चलेंगा कीं आख़िर हो क्या रहा हैं…
.देहरादून में बाल सरक्षण आयोग कीं अध्यक्षा श्रीमती उषा नेगी ने..ना सिर्फ़ नाबालिक बच्चों को सूखा नशा बेचते पकड़ा.बल्कि पुलिस के आला अधिकारियों के लिखित में शिकायत भी कीं..पुलिस भी ज़िलेवार नशे के ख़िलाफ़ अभियान चलाती हैं…
उसमें कितनी सफलता उसको मिलती हैं.वहीं जाने.पर ये धंधा…बिना किसी रोकटोक के जारी हैं..माफ़ियाओ ने अब इस धंधे में कम उम्र के बालक ओर बालिकाओं को शामिल कर ..उनको आगे कर इसको अंजाम देना शुरू किया हैं.


अब बोलता है उत्तराखंड और पूछता है उत्तराखंड ख़ाकी  से   क्या  आपको  ये सब नही पता !! ओर अगर पता है तो फिर  आपकीं  खामोशी की, कार्यवाही न होने की  वजह क्या?
पूछता है उत्तराखंड इन जगह सफ़ेद कपड़े पहन इनोवा मैं गनर के साथ घूमने वालो से भी की आप का तो आंख नाक कान सब खुला है फिर वजह क्या इस धंधे के पनपने की ??

 

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