देश में कोरोना की दूसरी लहर कमजोर पड़ने लगी है जिसके चलते दैनिक कोविड केस भी 50 हजार के आसपास आ रहे हैं। लेकिन अब कोरोना वायरस का नया वैरिएंट डेल्टा प्लस डरा रहा है। सबसे चिन्ताजनक तथ्य ये है कि डेल्टा प्लस वैरिएंट के केस अमेरिका के बाद भारत में ही दूसरे नंबर पर मिल रहे हैं। भारत में डेल्टा प्लस वैरिएंट के अब तक 40 मामले सामने आ चुके हैं। उत्तराखंड में भी इसे लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है।
महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और केरल में केसेज मिलने के बाद केंद्र सरकार ने राज्यों को अलर्ट कर दिया है। जिसके बाद अब महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश से हवाई जहाज के जरिए जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर उतरने वाले सभी यात्रियों की शत-प्रतिशत कोरोना जांच की जाएगी। साथ ही देहरादून जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण में तेजी लाने को लेकर अतिरिक्त मोबाइल टीमें तैनात की जाएंगी। इस संबंध में जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने संबंधित स्वास्थ विभाग व संबंधित अधिकारियों को कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने वर्चुअल माध्यम से आयोजित कोविड-19 समीक्षा बैठक की। उन्होंने चिकित्सा अधीक्षक डोईवाला को निर्देश दिए कि देश के कई राज्यों में कोविड के नये वैरिएंट के चिन्हित होने के मद्देनजर जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर आने वाले व्यक्तियों विशेषकर महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, केरल से आने वाली फ्लाइट के सभी यात्रियों की सख्ती से कोरोना जांच की जाए।ताकि इन राज्यों से नए वैरिएंट डेल्टा प्लस का कोई पॉजीटिव मरीज उत्तराखंड में एंट्री न कर जाए। वहीं इसे वैरिएंट डेल्टा प्लस के बढ़ते खतरे के बीच अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए तीन सवाल पूछे हैं।
- उन्होंने पूछा है कि इस वैरिएंट की जांच और रोकथाम के लिए बड़े स्तर पर टेस्टिंग क्यों नहीं हो रही?
- वैक्सीन इस पर कितनी प्रभावशाली है, पूरी जानकारी कब मिलेगी?
- तीसरी लहर में इसे नियंत्रित करने का क्या प्लान है?
बता दें कि कोरोना का नया वायरस डेल्टा प्लस बेहद खतरनाक है। यह न सिर्फ शरीर में बनी हुई एंटीबॉडी को खत्म करता है बल्कि फेफड़ों की कोशिकाओं को भी बहुत जल्दी संक्रमित करके मार देता है। ऐसे में चिंता इस बात की होने लगी है कि अगर लोगों को दी गई वैक्सीन के बाद यह वायरस शरीर में प्रवेश करेगा तो क्या वैक्सीन से बनी हुई एंटीबॉडी भी खत्म कर देगा।
इसके अलावा वायरस का बदला हुआ यह स्वरूप फेफड़ों की कोशिकाओं को भी बहुत जल्दी मार देता है। जिन संक्रमित मरीजों में डेल्टा प्लस वैरिएंट मिला है उनके फेफड़ों के काम करने की क्षमता पर बहुत जल्दी असर पड़ रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बदले हुए स्वरूप से फेफड़ों की कोशिकाओं पर बहुत जल्दी दुष्प्रभाव पड़ने लगता है।