प‍िछले साल आज ही के द‍िन थामी थी मुख्‍यमंत्री के रूप में पुष्कर ने कमान , युवा प्रदेश का युवा मुख्यमंत्री सधे कदमों से बढ़ रहे आगे ओर लक्ष्य सिर्फ एक… उत्तराखंड को देश का नंबर वन राज्य बनाना है

प‍िछले साल आज ही के द‍िन थामी थी मुख्‍यमंत्री के रूप में पुष्कर ने कमान , युवा प्रदेश का युवा मुख्यमंत्री सधे कदमों से बढ़ रहे आगे ओर लक्ष्य सिर्फ एक..उत्तराखंड को देश का नंबर वन राज्य बनाना है

 


उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी ने एक साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है। इसमें उनकी लगातार दूसरी पारी के 104 दिन भी शामिल हैं। पिछले वर्ष आज ही के दिन उन्होंने पहली बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इस प्रकार अपने वर्षभर के अब तक के कार्यकाल में वह सधे कदमों से आगे बढ़ते दिखे हैं।

इस अवधि में उन्होंने सरकार और संगठन में बेहतर तालमेल पर जोर दिया तो सरकार को समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक ले जाने का इरादा जताया। वही अब उनके सामने भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व और राज्य की जनता के भरोसे पर खरा उतरने की चुनौती है।
उन्होंने उत्तराखंड की स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होने पर राज्य को देश के सर्वश्रेष्ठ राज्यों की श्रेणी में लाने का संकल्प लिया है। इसमें उनके कौशल की परीक्षा होनी है।

धामी ने चार जुलाई 2021 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद वह स्वयं को साबित करने में सफल रहे।

यद्यपि, पहले कार्यकाल में धामी को भी कार्य करने को समय बहुत कम मिला, क्योंकि लगभग तीन माह का समय तो विधानसभा चुनाव और आचार संहिता में ही निकल गया। बावजूद इसके पहले कार्यकाल में धामी ने युवाओं पर ध्यान केंद्रित करने के साथ ही एक के बाद एक निर्णय लेकर सबका ध्यान खींचा।

यही कारण रहा कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने चुनाव में उन्हें चेहरा बनाया। साथ ही पार्टी ने युवा मुख्यमंत्री, युवा उत्तराखंड का नारा दिया। विधानसभा चुनाव में धामी के कौशल की परीक्षा होनी थी, जिसमें वह सफल रहे। हालांकि महत्वपूर्ण भूमिका तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के करिश्माई व्यक्तित्व की रही, लेकिन चेहरा तो धामी ही थे। यह बात अलग है कि धामी स्वयं राजनीतिक विरोधियों के षड्यंत्र के चलते हैं खटीमा सीट से चुनाव हार गए, लेकिन भाजपा दो-तिहाई बहुमत हासिल करने में सफल रही।

इसके साथ ही राज्य में हर पांच साल में सत्ताधारी दल बदलने का मिथक भी टूटा। उनकी मेहनत को ध्यान में रखते हुए पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने दोबारा धामी पर ही विश्वास व्यक्त करते हुए उन्हें राज्य की कमान सौंप दी।

23 मार्च को धामी ने दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और हाल ही में उनकी सरकार सौ दिन का कार्यकाल पूरा कर चुकी है।

चम्पावत सीट से उपचुनाव रिकार्ड मतों से जीतने के बाद से तो मुख्यमंत्री आत्मविश्वास से भरे हुए हैं। सधे हुए कदमों से वह विधानसभा चुनाव के दृष्टिपत्र में जनता से किए गए वायदों को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए ड्राफ्ट तैयार करने को विशेषज्ञ कमेटी का गठन इसी कड़ी का हिस्सा है। इसके अलावा कुमाऊं क्षेत्र के मंदिरों के लिए मानस खंड योजना, विभिन्न पेंशन योजनाओं में धनराशि में बढ़ोतरी समेत अन्य निर्णय इसका उदाहरण हैं। अब उनके सामने राज्य को विकास के पथ पर अग्रसर करने की चुनौती रहेगी।

 

अब आगे मुख्यमंत्री धामी की पहली परीक्षा अगले साल होने वाले नगर निकाय चुनावों में होगी। वर्तमान में नगर निकायों में भाजपा का वर्चस्व है, जिसे बरकरार रखने की चुनौती उनके सामने होगी। इसे वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए धरातल तैयार करने से भी जोड़कर देखा जाएगा। राज्य में लोकसभा की पांच सीटें हैं, जिनमें वर्ष 2014 से भाजपा काबिज है। अब लोकसभा चुनाव में राज्य से हैट्रिक बनाने की चुनौती भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की आगे होगी होगी

प्रदेश के मुख्यमंत्री को अपना एक हफ्ता कार्यकाल पूर्ण करने पर बहुत-बहुत बधाई
आज मुख्यमंत्री ने कहा कि

प्रिय प्रदेशवासियों,

बाबा केदार, भगवान बदरी-विशाल, मां पूर्णागिरी, गोल्ज्यू देवता एवं देवभूमि उत्तराखंड की पावन धरा को अपनी कृपादृष्टि से अभिसिंचित करने वाले समस्त देवी-देवताओं की अनुकंपा व प्रदेश की सवा करोड़ देवतुल्य जनता के अपार स्नेह व आशीर्वाद से आज राज्य के मुख्य सेवक के रूप में एक वर्ष पूर्ण कर रहा हूं।

मैं इस अवसर पर आप सभी का हृदय की गहराइयों से आभार प्रकट करता हूं और एक बार पुन: उत्कृष्ट उत्तराखण्ड बनाने के अपने संकल्प को दोहराता हूं। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi जी के मार्गदर्शन और केंद्र सरकार के सहयोग से प्रदेश में विकास का एक नया अध्याय लिखा जा रहा है और हमारी सरकार विकल्प रहित संकल्प के मंत्र के साथ कार्य करते हुए अंत्योदय के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु संकल्पबद्ध है। आइए हम सभी आदर्श नागरिक कर्तव्यों का निर्वहन कर प्रदेश को हर क्षेत्र में एक श्रेष्ठ राज्य के रूप में स्थापित करने का प्रण लें।

जय भारत – जय उत्तराखण्ड

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