उत्तराखंड महत्वपूर्ण खबरें जानिए और पढ़िए : इमरजेंसी पड़ने पर सीपीआर देकर बचाई जा सकती है ह्दय रोगी की जान खेलकूद, एथलेटिक्स से जुड़े छात्र-छात्राएं ह्दय रोग के सामान्य लक्षणों को न करें नज़रअंदाज

अध्यापकों ने जाना इमरजेंसी पड़ने पर ह्दय रोगियों को कैसे दे सकते हैं सीपीआर

इमरजेंसी पड़ने पर सीपीआर देकर बचाई जा सकती है ह्दय रोगी की जान
खेलकूद, एथलेटिक्स से जुड़े छात्र-छात्राएं ह्दय रोग के सामान्य लक्षणों को न करें नज़रअंदाज

देहरादून।

श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के कॉर्डियोलॉजी विभाग के वरिष्ठ कॉर्डियोलॉजिस्ट एवम् कैथ लैब डायरेक्टर डॉ तनुज भाटिया ने एसजीअरआर पब्लिक स्कूलों की देहरादून की विभिन्न शाखाओं के अध्यापक-अध्यापिकाओं व स्टाफ को सीपीआर दिए जाने की ट्रेनिंग दी।

ट्रेनिंग कार्यक्रम में करीब 100 अध्यापक अध्यापिकाओं व स्टाफ ने प्रतिभाग किया। ट्रेनिंग कार्यक्रम का उ्देश्य जनजागरूकता फैलाकर इमजरेंसी मामलों में सीपीआर दिए जाने के महत्व को समझाना था। डॉ तनुज भाटिया ने समझाया कि यदि अपने आसपास किसी व्यक्ति या स्कूली छात्र-छात्रा को हार्ट अटैक आ जाए तो सीपीआर देकर उसेे मुश्किल क्षणों से बाहर निकालकर किस प्रकार अस्पताल पहुंचाने में सहयोग किया जा सकता है।
श्री गुरु राम राय पब्लिक स्कूल रेसकोर्स शाखा में ट्रेनिंग कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य डॉ प्रतिभा अत्री ने किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के जन जागरूकता कार्यक्रम से समाज में सकारात्मक संदेश जाता है। हार्ट अटैक जैसी आकस्मिक स्थिति आने पर आमजन को दी गई सीपीआर ट्रेनिंग किसी का अमूल्य जीवन बचा सकती है।
डॉ तनुज भाटिया ने सीपीआर एवम् कार्डियक अरेस्ट के के मेडिकल व वैज्ञानिक पक्ष को विस्तारपूर्व समझाया। उन्होंने कहा कि हार्ट अटैक व ह्दय की बीमारियों से जुडे मामले बच्चों से लेकर बड़ी उम्र के व्यक्तियों तक में दर्ज किये जाते हैं। खासतौर पर स्कूल जाने वाले ऐसे छात्र-छात्राएं जो खेलकूद प्रतियोगिताओं, एथलीटस से जुड़े होते हैं व किसी प्रकार की ह्दय सम्बन्धित परेशानी को नज़रअंदाज करते हैं उन्हें कुशल ह्दय रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहते हैं। उनमें से कुछ छात्र छात्राओं दिल सम्बन्धित बीमारियों की शिकायत होती है। इसके लक्ष्ण आंखों के आगे अंधेरा छाना, तेज दौड़ने के बाद ह्दय की धडकन का असामान्य हो जाना, छाती में दर्द की शिकायत आदि आती हैं। उन्होंने कहा कि दिल की बीमारी से जुड़े ऐसे लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, लापरवाही जानलेवा भी हो सकती है। मेडिकल सुविधा से दूर किसी प्रकार की इमरजेंसी पड़ने पर सीपीआर प्रशिक्षण प्राप्त व्यक्ति किसी की जान बचा सकता है। ट्रेनिंग कार्यक्रम में तमिलनाडू से आए प्रशिक्षक व श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ एल्डो व दो अन्य सहयोगी स्टाफ ने डैमो के साथ सीपीआर प्रशिक्षण दिया।
डॉ तनुज भाटिया ने श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के चेयरमैन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वर्ष 2014 से अब तक श्री महाराज जी ने अस्पताल के कॉर्डियोलॉजी विभाग को बड़ी से बड़ी मशीनें, तकनीकी सेवाएं व मार्डन उपचार उपलब्ध करवाया है। इसी का परिणाम है कि श्री महंत इन्दिेरश अस्पताल का कॉर्डियोलॉजी विभाग मरीजों को उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान कर रहा है।
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल की इमरजेंसी में आने वो दिल की बीमारियों से जुडे़ मरीजों को तत्काल रिसीव किया है व उनका मैडिकल प्रबन्धन कर आगे के उपचार के लिए वार्ड/कैथ लैब में शिफट कर दिया जाता है।
प्र्रशिक्षण कार्यक्रम में श्री गुरु राम राय पब्लिक स्कूल रेसकोर्स शाख, तालाब शाखा, वसंत विहार शााखा, नेहरू ग्राम, तालाब शाखा, कालीदास रोड शाखा, पटेल नगर शाखा, सहस्त्रधारा रोड, बालावाला शाखा के जीव विज्ञान व फिजिकल एजुकेशन के अध्यापक अध्यापिकाओं ने भाग लिया।

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