अब पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने छेड़ी जिलो की ताल ,कहा हमारी सरकार आने के बाद 2 साल के अंदर ये सब जिले बन जायेगे ( डीडीहाट, रानीखेत, पुरोला ओर भी )

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने लिखा है कि हमारे  कुछ सीमांत क्षेत्र जैसे डीडीहाट, रानीखेत, पुरोला के लोग बहुत व्यग्र हैं कि उनके  जिले कब बनेंगे, इतनी ही व्यग्रता कोटद्वार, नरेंद्र नगर, हमारे काशीपुर और गैरसैंण, वीरोंखाल, खटीमा के लोगों में भी है। ये कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जिनको जिले का स्वरूप देना आवश्यक है। मैंने सौ करोड़ की व्यवस्था इन जिलों को बनाने के लिए 2016 के बजट में की थी।

कतिपय राजनैतिक दबावों के कारण एक क्षेत्र के दूसरी क्षेत्र से प्रति की कारण ये जनपद अस्तित्व में नहीं आ पाये। मैं इस सरकार को राय तो नहीं देना चाहूंगा, मगर इतना जरूर कहना चाहूंगा यदि आप नहीं करोगे तो अब हम शासन के अंतिम वर्ष के लिए इंतजार नहीं करेंगे क्योंकि अंतिम वर्ष में किसी जिले को खोलना राजनैतिक बेमानी भी है, क्योंकि आपको कुछ बजट का प्राविधान करना नहीं होता है। आप आने वाली  सरकार के लिए वह काम सौंप देते हैं तो कांग्रेस इस काम को सत्ता में आने के 2 वर्ष के अंदर पूरा कर देगी ताकि एक बार प्रशासनिक व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चल सकें। जब हम छोटे राज्य की बात करते हैं तो प्रशासनिक इकाइयां भी छोटी करनी पड़ती हैं, इसलिये हमने 37 से ज्यादा तहसीलें और उप तहसीलें बनाई, नगरपालिकाएं बनाई, यह विकेंद्रीकरण की प्रक्रिया राज्य के लिए आवश्यक है और कांग्रेस के मैं अपने साथियों से कहूंगा कि अपने घोषणापत्र में इस बिंदु पर जरूर विचार-विमर्श करें कि किस तरीके से हम लोगों की इस विकेंद्रीकृत शासन व्यवस्था की आकांक्षा को पूरा कर सकते हैं और नये जिलों को अस्तित्व में ला सकते हैं

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