बता दे कि अनलॉक के इस दौर में त्रिवेंद्र सरकार का हिसाब-किताब भी पटरी पर लौटता दिख रहा है। जो सुखद है
जान ले कि लॉकडाउन से लेकर अनलॉक तक के दौरान त्रिवेंद्र सरकार को पिछले साल की तुलना में लगभग तीन गुना मदद भी मिली है।
जीएसटी का संग्रह बढ़ा है, लेकिन सरकार अब भी इसे लेकर दबाव में है। इतना जरूर है कि आय बढ़ने के बाद अब सरकार पर खर्च बढ़ाने का भी दबाव है।
ख़बर है कि
महालेखा परीक्षक और नियोजन विभाग की ओर से कोरोना काल में जारी आंकड़ों से यह साफ है कि 31 अगस्त तक वित्तीय वर्ष के पांच महीनों में सरकार को जीएसटी में झटका लगा है। जीएसटी की प्रतिपूर्ति पर अभी फैसला हो नहीं पाया है। इतना होने पर भी अनलॉक के दौर में सरकार के जीएसटी संग्रह में इजाफा होने लगा है। फिर भी यह पिछले साल के मुकाबले 14 प्रतिशत कम है।
बता दे कि त्रिवेंद्र सरकार को सबसे अधिक मदद केंद्रीय अनुदान से मिली है।
इन पांच महीनों में यह पिछले साल के मुकाबले लगभग ब तीन गुना है। राजस्व में इजाफा भी पिछले साल के मुकाबले कम है, लेकिन अब इसमें बढ़ोतरी दिखने लगी है।
अब सरकार को अपने खर्च के स्तर पर चिंता करनी पड़ सकती है। सितंबर में सरकार ने यह खर्च बढ़ाया भी, लेकिन अगस्त तक के आंकड़े बता रहे हैं कि बाह्य सहायता से लेकर जिला योजना तक में खर्च की रफ्तार धीमी है।
इन सब का ही प्रभाव है कि सरकार को बाजार उधारी को अधिक तवज्जो देनी पड़ रही है। वित्त विभाग का कहना है कि अभी तक की स्थिति में दबाव है, लेकिन इसे असामान्य नहीं माना जा सकता है। त्रिवेंद्र सरकार अक्तूबर तक लगभग 2100 करोड़ रुपये की उधारी ले चुकी है।
बाह्य सहायता परियोजना
कुल बजट-1577.64 करोड़
खर्च-106.53 करोड़
स्टेट सेक्टर
कुल बजट-43662 करोड़
खर्च-10358 करोड़
जिला सेक्टर
कुल बजट-665.50 करोड़
खर्च-88.31 करोड़
कुल राजस्व-42439.33 करोड़
अगस्त तक कुल आय-12985 करोड़
प्रतिशत-30.60
पिछले साल इसी अवधि की आय-31.6 प्रतिशत
जीएसटी कुल अनुमान-5386 करोड़
आय-1284 करोड़
प्रतिशत-23.85
पिछले साल की इसी अवधि से तुलना -35.90 प्रतिशत
जाने किस तरह बढ़ा राजस्व
2020-21
अप्रैल-732.29 करोड़
मई-1008.03 करोड़
जून-1276.31 करोड़
जुलाई-1336.14 करोड़
अगस्त-1419.91 करोड़
2019-20
अप्रैल-1472.24 करोड़
मई-1492.39 करोड़
जून-1521.69 करोड़
जुुलाई-1575.35 करोड़
अगस्त-1601.85 करोड़
केंद्रीय अनुदान
2020-21 : 6302.66 करोड़
2019-20 : 2756.63 करोड़