उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाली राज्य की पहली टनल का र्निमाण कार्य दिन-रात ज़ोरों पर है।
330 मीटर लम्बी इस टनल को लोक र्निमाण विभाग बना रहा है। आज़ादी से पहले सहारनपुर और देहरादून को जोड़ने वाली पहली टनल के साथ ही इस टनल के र्निमाण की ज़रुरत पिछले कई वर्षों से, यातायात के बढ़ते दबाव के कारण महसूस की जा रही थी। लगभग 12 मीटर चौड़ाई वाली इस टनल को डबल मार्गीय यातायात के लिए बनाया जा रहा है। टनल पूरी 330 मीटर खुद चुकी है और दिन-रात इस पर कार्य जारी है। इसका र्निमाण ईपीसी के तहत कराया जा रहा है, जो राज्य का पहला प्रोजेक्ट है। टर्नल की कार्यदायी संस्था भारत कन्सट्रक्शन के निदेशक श्री राजीव गर्ग और श्री रणवीर पंवार ने बताया की टर्नल के र्निमाण कार्य में उचित गुणवत्ता का मटीरियल लगाया जा रहा है। सभी कार्यों में पारदर्शिता रखी जा रही है। आपको बता दें की सड़क मार्ग पर बनने वाली उत्तराखंड में यह पहली सुरंग है। साथ ही उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड की सीमा पर पहली टनल बन रही है जिसके दोनों ओर पैदल चलने के लिए पैदल फुटपात बनाया जा रहा है। इस टनल की र्निमाण लागत लगभग 57 करोड़ है। सबसे बड़ी बात ये है की कार्य पूर्ण करने की समय सीमा 30 मई 2019 है, जबकि टनल की कार्यदायी संस्था भारत कन्सट्रक्शन के निदेशक श्री राजीव गर्ग और श्री रणवीर पंवार ने बताया की टनल का पूरा कार्य जून 2018 तक कर लिया जायेगा। जिसके बाद राज्य सरकार इस टनल को राज्य स्थापना दिवस पर जनता को सर्मपित कर सकती है या उससे पहले भी। प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान हरिद्धार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक, लोक र्निमाण विभाग के अधिकारी एवं दून के ज़िला अधिकारी पहले ही टनल पर चल रहे दिन-रात र्निमाण कार्य को देखकर संतोष जता चुके हैं।