बता दे कि स्पेन समेत कई देशों से प्रशिक्षण लेकर लौटे इंदिरा गांधी नेशनल फॉरेस्ट एकेडमी (आईजीएनएफए) के दो और प्रशिक्षु आईएफएस कोरोना वायरस से संक्रमित होने से एकेडमी से लेकर स्वास्थ्य विभाग में इस समय हड़कंप मचा हुआ है। मीडिया मै नाम न छापने की शर्त पर एकेडमी के एक आला अधिकारी ने बताया कि जांच में यह बात सामने आई है कि संक्रमित तीनों प्रशिक्षु स्पेन के एक होटल में एक ही कमरे में ठहरे हुए थे।
वही अकादमी के एडिशनल डायरेक्टर एसके अवस्थी ने मीडिया को बताया कि दो और प्रशिक्षु आईएफएस अधिकारियों में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है। दोनों को स्वास्थ्य विभाग की मदद से अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अन्य प्रशिक्षु अधिकारियों में संक्रमण न हो, इसके लिए उन्हें उनके छात्रावासों में ही कोरेंटाइन कर दिया गया है। एकेडमी के किसी भी अधिकारी, कर्मचारी को प्रशिक्षुओं से नहीं मिलने दिया जा रहा है। इसके लिए पुलिस भी तैनात कर दी गई है।
वही एक आईएफएस अधिकारी कोरोना संक्रमित पाए जाने पर संक्रमित पाए गए दोनों आईएफएस अधिकारियों ने पहले ही संक्रमण की आशंका जताई थी। इसके लिए उन्होंने एकेडमी अधिकारियों से जांच का अनुरोध भी किया था। एडिशनल डायरेक्टर एसके अवस्थी ने बताया कि दोनों अधिकारियों ने जागरूकता दिखाते हुए खुद ही जांच कराने की पहल की थी।
केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को भेजी रिपोर्ट
आईजीएनएफए के एडिशनल डायरेक्टर एसके अवस्थी ने बताया कि दो और प्रशिक्षु आईएफएस अधिकारियों के कोरोना से संक्रमित होने की रिपोर्ट केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को भेज दी गई है। मंत्रालय भी इस पर नजर रखे हुए हैं।
इंदिरा गांधी नेशनल फाॅरेस्ट एकेडेमी के तीन प्रशिक्षु आईएफएस अधिकारियों में कोरोना वायरस का संक्रमण पाए जाने के बाद पूरे एफआरआई कैंपस को लॉक डाउन घोषित कर दिया गया है। डीएम डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव की ओर से देर शाम लाक डाउन करने के आदेश जारी कर दिए गए।
इतना ही नहीं आदेश जारी होने के साथ ही एफआरआई के सभी गेट पर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती कर दी गई है। साथ ही परिसर के भीतर रहने वाले सभी अधिकारियों, वैज्ञानिकों, कर्मचारियों को बाहर निकलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
डीएम डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि संस्थान से बाहर जो भी लोग गए हैं उन्हें एक बार परिसर के भीतर दाखिल होने की इजाजत होगी। लेकिन वह दोबारा बाहर नहीं जा सकेंगे। इतना ही नहीं परिसर में रहने वाले अधिकारियों, वैज्ञानिकों, कर्मचारियों को खानेपीने की दिक्कत ना हो इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से आवश्यक चीजों की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
दूसरी ओर एफआरआई निदेशक डॉ अरुण सिंह रावत ने बताया कि जिलाधिकारी से उनसे वार्ता हुई है और लाक डाउन के आदेश जारी किए गए हैं। सरकार, शासन, जिला प्रशासन की ओर से जो भी दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे उसका कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाएगा।
कोरोना के कहर से बचने के लिए सेना भी सतर्क हो गई है। छुट्टी पर गए जवानों की वापसी पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। जो लोग छुट्टी काटकर वापस आए हैं, उन्हें 14 दिन कोरेंटाइन पर रखा जा रहा है। सामूहिक भोज, मीटिंग, ड्रिल आदि भी टुकड़ों में कराई जा रही है। सब एरिया में भी सभी कैंटीनों को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है।
सेना ने भी कोरोना से जवानों को संक्रमित होने के लिए आवश्यक एडवाइजरी जारी कर दी है। जो जवान अवकाश पर हैं उनकी छुट्टियां बढ़ा दी गई हैं। कोई जवान अगर अवकाश पूरी कर घर से निकल गया है और ड्यूटी स्थान पर पहुंच गया तो उन्हें अन्य जवानों के साथ नहीं रखा जा रहा है। उन्हें 14 दिन कोरेंटाइन पर रखा जा रहा है। सेना ने अपने अस्पतालों में भीड़ न करने की सख्त हिदायत दी है।
सेना में सामूहिक भोज पर प्रतिबंध लगा दिया है। एक साथ खाने की बजाय टुकड़ों में जवानों को खाना दिया जा रहा है। सुबह होने वाली पीटी, ड्रिल जारी है, लेकिन यह भी समूह के बजाय टुकड़ों में किया जा रहा है। सर्दी, जुकाम और कोरोना जैसे अन्य लक्षण दिखाई देने पर तुरंत जवानों को कोरेंटाइन किया जा रहा है। सब एरिया में आवाजाही कम कर दी है। आने वाले लोगों को भी सभी आवश्यक कदम उठाने के बाद सबएरिया क्षेत्र में आने दिया जा रहा है। आईएमए के पीआरओ अमित डागर ने उक्त बातों की पुष्टि की है।