उत्तराखंड में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत क्या जल्द अपनी टीम में नए सदस्यों को शामिल करने जा रहे है
मतलब मंत्रिमंडल में तीन सीट जो खाली हैं उन्हें भरने जा रहे
पर सवाल उठता है किसे
क्योकि एक अनार सो बीमार
वाली बात यहा लागू होती है
कहने का मतलब है
3 कुर्सी के 46 दावेदार हैं
जिनमे पांच विधायक ऐसे हैं, जो पूर्व में मंत्री रह चुके हैं।
ओर लगभग एक दर्जन से ज्यादा ऐसे विधायक भी अपना नंबर लगने का इंतजार कर रहे हैं, जो दो या इससे अधिक बार विधानसभा पहुंचे हैं।
ओर सूत्र कह रहे है कि
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र आलाकमान से हरी झंडी लेने के बाद वह नए सदस्यों को मंत्रिमंडल में शामिल करने तेयारी कर चूके है
बता दे कि 18 मार्च 2017 को जब त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में मंत्रिमंडल वजूद में आया, तब से ही मंत्रिमंडल में दो सीट खाली रखी गईं।
फिर पिछले साल जून में मंत्रिमंडल के वरिष्ठ सदस्य प्रकाश पंत का असामयिक निधन हो गया। इससे मंत्रिमंडल में एक और सीट रिक्त हो गई। इसके बाद से कई बार नए मंत्रियों को शपथ दिलाने की चर्चा सियासी गलियारों में चली, मगर ऐसा हुआ नहीं।
भाजपा के 57 में से नौ विधायक मंत्रिमंडल में हैं। एक विधानसभा अध्यक्ष और एक उपाध्यक्ष हैं। यानी 11 विधायक एडजस्ट हैं,
46 मंत्री पद के दावेदार हैं।
वही त्रिवेंद्र सरकार 92 भाजपा नेताओं को दायित्व सौंप चुकी है।
इनमें से 58 को विभिन्न निगमों, परिषदों, आयोगों में अध्यक्ष या उपाध्यक्ष पद दिया गया है, जिन्हें मंत्री पद का दर्जा हासिल है। इनमें एक भी विधायक शामिल नहीं है। अब हर विधायक मंत्री पद का तलबगार है।
मतलब खाली सीट तीन और दावेदार 46 विधायक।
वैसे आजकल सुना है भाजपा के कुछ विधायक देहरादून से दिल्ली तक दौड़ रहे है मतलब त्रिवेंद्र
सरकार पर दबाव बनाने की कोशिशों में जुटे है बल
लेकिन इन्होंने मुख्यमंत्री या सरकार को सीधे निशाने पर लेते हुए नोकरशाही पर हमला बोला
वही सीएम रावत के अनुसार
उन्होंने फरवरी में ही केंद्रीय नेतृत्व से मंत्रिमंडल विस्तार पर चर्चा की थी और सहमति भी मिल गई थी।
ओर तय था कि विधानसभा के गैरसैंण सत्र के बाद मंत्रिमंडल विस्तार कर दिया जाएगा
लेकिन कोविड 19 के कारण परिस्थितियां बदल गईं। सरकार की प्राथमिकता कोरोना संक्रमण से बचाव पर केंद्रित हो गई। जब भी हालात नियंत्रण में महसूस होंगे, मंत्रिमंडल में नए सदस्यों को शामिल किया जाएगा।
ये हैं वो विधायक, जो
ओर रह चुके है मंत्री
खजानदास
हरबंस कपूर
बिशन सिंह चुफाल
बलवंत सिंह भौर्याल
इनकीं नज़र भी मंत्री की कुर्सी पर है
ओर ये दो या इससे ज्यादा बार के विधायक है
महेंद्र भट्ट
मुन्ना सिंह चौहान
सहदेव सिंह पुंडीर
उमेश शर्मा काउ
गणेश जोशी
प्रदीप बत्रा
कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन
दिलीप सिंह रावत
चंदन रामदास
सुरेंद्र सिंह जीना
हरभजन सिंह चीमा
राजकुमार ठुकराल
राजेश शुक्ला
पुष्कर सिंह धामी