Big breaking :सुप्रीम कोर्ट में SGRR मेडिकल काॅलेज ने जीती सच की लड़ाई… फीस प्रकरण पर सुप्रीम कोर्ट ने काॅलेज के पक्ष में सुनाया निर्णय.. एमबीबीएस छात्रों को बकाया फीस की दो किश्तें जमा करना जरुरी उसके बाद ही शुरू हो पाएगी इंटर्नशिप!

एसजीआरआर फीस प्रकरण : सुप्रीम कोर्ट ने एसजीआरआर मेडिकल काॅलेज के पक्ष में सुनाया निर्णय

हाई कोर्ट नैनीताल ने एसजीआरआर के पक्ष में पहले ही दे चुका था फैसला

अब सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद एमबीबीएस छात्रों को बकाया फीस की दो किश्तें जमा करना जरुरी
उसके बाद ही शुरू हो पाएगी इंटर्नशिप

उच्च न्यायालय नैनीताल को तीन माह के अन्दर इस मामले का निस्तारण करने के आदेश

*ऊपर की सभी लाइने टेस्ट में जाएगी.. विऔ के साथ*

 

श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल एण्ड हैल्थ साइंसेज के एमबीबीएस फीस निर्धारण सम्बन्धित मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने एसजीआरआर मेडिकल काॅलेज के पक्ष में फैसला सुनाया है। बता दे कि इससे पहले उच्च न्यायालय, नैनीताल ने एसजीआरआर एसजीआरआर मेडिकल काॅलेज के पक्ष में फैसला सुनाया था।

अब सुप्रीम कोर्ट के आदेशुनसार एमबीबीएस छात्र-छात्राओं को निर्धारित एमबीबीएस की बकाया फीस की पहली दो किश्तें अभी जमा करनी होंगी, उसके बाद ही वे इंटरर्नशिप शुरू कर सकते हैं।
वही सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट नैनीताल को तीन माह के अन्दर इस मामले का निस्तारण करने के निर्देश भी दिए।
बता दे कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए एसजीआरआर मेडिकल काॅलेज के पक्ष में फैसला सुनाया। सर्वोच्च न्यायालय ने सख्त फैसला सुनाते हुए मेडिकल छात्र-छात्राओं को बकाया फीस की पहली दो किश्तों को जमा करने के आदेश दिए इसके बाद ही छात्र-छात्राएं इंटर्नशिप शुरू कर सकते हैं।

बहराल सुप्रीम कोर्ट का सुप्रीम फैसला आने के बाद यह उन लोगों के गाल पर तमाचा है.. जो गुरु राम राय मेडिकल कॉलेज के खिलाफ षड्यंत्र के तहत.. छात्रों व उनके अभिभावकों को भड़काने का कार्य कर रहे थे…. तो उन कुछ तथाकथित .. सोशल मीडिया व मीडिया के नाम पर.. भ्रमित करने वाले लोगों को भी सीख ..जो बिना सच जाने . किसी भी मामले का संवैधानिक व कानूनी पक्ष जाने बिना किसी संस्थान की छवि को नुकसान पहुंचाना या उसके बारे में भ्रामक जानकारी फैलाने का काम करते है..जो समाज हित में नहीं है। और ऐसे तथाकथित लोगों को मिला सबक
बहरहाल एसजीआरआर मेडिकल काॅलेज ने सत्य की यह लड़ाई हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जीती है यह तभी सम्भव हुआ जब इस मामला से जुड़े सभी तथ्य व जानकारी संवैधानिक रूप से सही थी

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