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नौ जिलों में आंशिक राहत दे सकती है सरकार, चार जिलों में तीन मई तक रहेगी पाबंदी
आपको बता दे कि त्रिवेंद्र सरकार राज्य के नौ जिलों में लॉकडाउन में आंशिक राहत देने की तैयारी में जुट गई है।
केंद्र सरकार ने व्यवस्था बनाई है कि 20 अप्रैल तक अगर किसी जिले में नया केस नहीं आता तो वहां आंशिक राहत दी जा सकती है।वो भी कही नियमो को पालन करते हुए
कल मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में सभी मंत्रियों के साथ बैठक हो चुकी है
ओर ख़बर है कि इस बैठक में नौ जिलों में आंशिक राहत देने की रणनीति तय करने पर मंथन हुआ है।
शासकीय प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने मीडिया को बताया कि आज केंद्र की गाइडलाइन मिलने के बाद त्रिवेंद्र सरकार अगला निर्णय लेगी कि प्रदेश में लॉकडाउन का स्वरूप कैसा रहेगा।
चार जिले संवेदनशील, जहां 3 तक रहेगी पाबंदी
उत्तराखंड सरकार जानती है कि
केवल चार जिले
जैसे देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल ही संवेदनशील हैं।
ओर इन चार जिलों में 3 मई तक लॉकडाउन के तहत पूरी तरह से पाबंदियां रहेगी ही।
तो वही केंद्र की गाइडलाइन आने के बाद अन्य नौ जिलों में लॉकडाउन के तहत आंशिक राहत देने की कार्ययोजना बनाई जा सकती है
लेकिन अभी यह निर्णय नहीं हुआ कि सरकार 20 अप्रैल से पहले इन जिलों में राहत देने के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजेगी या फिर केंद्र से आने वाले निर्देश के बाद रणनीति तैयार करेगी।
त्रिवेंद्र सरकार ने कल
एक बड़ी बैठक बुलाई है।
इस बैठक में सभी मंत्री और उच्च अधिकारी मौजूद रहेंगे। हालांकि इसे सरकार मंत्रिमंडल की बैठक नहीं बता रही है, लेकिन लॉकडाउन में राहत देने से संबंधित रणनीति इसमें बनेगी।
सूत्रों
के हवाले से जानकारीं है कि त्रिवेंद्र सरकार, आगे औद्योगिक इकाइयों का संचालन, कंस्ट्रक्शन का काम दोबारा चालू करने
( आलवेदर रोड) और आवश्यक वस्तुओं के अलावा अन्य दुकानों को कुछ समय तक खोलने पर विचार कर सकती है।
ओर कही ऐसी दुकानें भी चिह्नित की जा सकती हैं, जिन्हें सुबह सात से एक बजे तक खुला रखा जाएगा
बैठक में इस बात पर भी सहमति बनी कि भले लॉकडाउन की अवधि तीन मई तक बढ़ाई गई है, लेकिन चार धाम बदरी, केदार, गंगोत्री और यमनेत्री के कपाट तो तय समय पर ही खुलेंगे। ओर इनके खोलने के लिए सामाजिक दूरी की पूरी व्यवस्था रखी जाएगी।
वही यात्रा को अभी शुरू नहीं किया जाएगा, लेकिन स्थानीय लोगों को सीमित संख्या में दर्शन करने की अनुमति देने पर विचार किया जा सकता है!