उत्तराखंड : आम आदमी पार्टी ने उत्तराखंड सरकार से पूछा सवाल आपके ही विधायक आपके खिलाफ क्यूं खड़े हो रहे ( बात 123 करोड़ के प्रोजेक्ट की )

देहरादून

नेपाल सीमा से जुड़े, टनकपुर जौलजीबी मार्ग को लेकर ठेका आवंटन में हुई गड़बड़ी को लेकर ,सरकार अब पूरी तरह से बैकफुट पर नजर आ रही है ।
वहीं स्थानीय बीजेपी विधायक इस मामले में सरकार के खिलाफ खड़े नजर आ रहे हैं ।
जीरो टॉलरेंस की बात कहने वाली सरकार के ,इस मामले पर बैकफुट पर आने पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं ।
ये कहना है आम आदमी पार्टी का

 

आज आम आदमी पार्टी ने मुख्यमंत्री से सवाल पूछा है कि अगर 2017 में ठेकेदार ने। गलत काग़ज़ प्रस्तुत किए थे तो ,उस समय क्यूं नहीं इसकी सही से जांच हुई, ठेका आवंटन होने के बाद उनके ही विधायक ने ,इस पर सवाल खड़ा किया और सरकारी जांच हुई,जांच में ठेकेदार की गलती पाई गई।

इसके अलावा कुछ छोटे कर्मचारियों पर भी इसकी गाज गिरी 
उत्तराखंड सरकार पर आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि अब सरकार ठेकेदार के साथ आपसी समझौते के लिए तैयार हो गई । आम आदमी पार्टी ने कहा कि वे सरकार की इस दोहरी नीति का पुरजोर तरीके से विरोध करती है ।
बता दे कि
आप प्रदेश अध्यक्ष कलेर ने, मुख्यमंत्री के जीरो टोलरेंस पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि अगर ठेकेदार सही था तो उसके खिलाफ उस समय कार्यवाही क्यूं की गई? सब नियमसंगत था तो कुछ छोटे अधिकारियों पर भी गाज क्यूं गिराई,अब उनके खिलाफ क्या कार्यवाही सरकार करेगी ?
अगर ठेकेदार सही है तो आपके ही विधायक आपके खिलाफ क्यूं खड़े हो रहे और विधानसभा में सरकार के खिलाफ नियम 58 के तहत प्रश्न लाने की बात कह रहे ।
सरकार के बैकफुट में आने से ,कहीं ना कहीं 123 करोड की लागत से बनने वाले इस प्रोजेक्ट के पैसों की ,
बंदरबांट का मामला भी दिखाई दे रहा है ,तभी तो सरकार अब ,उस फैसले के खिलाफ कोई कार्यवाही के मूड में नजर नहीं आ रही । यहां तक जीरो टोलरेंस को, दरकिनार करते हुए बीजेपी ने अपने विधायक को भी ,दरकिनार कर दिया । आप उस जांच एजेंसी पर भी भी सवाल उठाती है, जिसने ठेकेदार के खिलाफ निर्णय दिया और सरकार अब उससे समझौते के लिए तैयार है ।
वही आज आप प्रवक्ता रविन्द्र आनंद ने, सरकार की इस दोहरे चरित्र पर सवाल उठाते हुए मांग की है कि सरकार को जनता के पैसों की बंदरबांट की जांच करनी चाहिए
तब जाकर पता चलेगा इसमें कई बड़ी मछलियां और सफेदपोश लोग शामिल हैं जो जीरो टोलरेंस की धाज्जियां उड़ा रहे ।
यही नहीं आप सरकार से ये भी सवाल पूछती है क्या भरस्टाचार से कमाये पैसे में क्या सरकार का भी हिस्सा है जिसके कारण पूरे मामले को रफा दफा करने की कोशिश सरकार के द्वारा हो रही है, मुख्यमंत्री को इसका जवाब देना चाहिए, मुख्यमंत्री जीरो टॉलरेन्स की बात करते है परन्तु उनका अपना विद्यायक उनके इस फैसले के खिलाफ खड़ा है । उनके विधायक ने ही इस पूरे मामले पर जब सवाल उठाया था जिसके बाद ठेकेदार पर जांच बैठी । व्यापक स्तर पर हुए इस करप्शन पर अगर मुख्यमंत्री को थोडी भी नैतिकता है तो इस मामले में तुरन्त कार्यवाही करें यदि मुख्यमंत्री ने इस पर कोई त्वरित कार्यवाही नही की तो फिर आम आदमी पार्टी इस मुद्दे को लेकर जनता के बीच जाएगी।

बहराल इस पूरे प्रकरण पर भाजपा के नेताओ का बयान मिलते ही उसे भी छापा जाएगा। 

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