उत्तराखंड : कोरोना पर चर्चा की मांग को लेकर सदन में विपक्ष का हंगामा रहा इस बीच सभी विधेयक पारित तो सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

उत्तराखंड : कोरोना पर चर्चा की मांग को लेकर सदन में विपक्ष का हंगामा रहा इस बीच सभी विधेयक पारित तो सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

बता दे कि कोरोना के साये में आज विधानसभा का एक दिनी मानसून सत्र शुरू हुआ। कोरोना पर चर्चा की मांग को लेकर विधानसभा सदन में विपक्ष कांग्रेस ने हंगामा किया। इस दौरान विपक्षी विधायक वेल में पहुंचे और कार्यसूची फाड़ी।
विपक्ष ने आरोप लगाया कि प्रदेश में कोरोना से 500 सौ से ज्‍यादा मौत हो चुकी है। इसलिए कोरोना पर चर्चा होनी चाहिए। इस दौरान विपक्षी विधायक वेल में पहुंच गए और कार्यसूची फाड़ दी। इस दौरान पीठ के समक्ष लगाई प्लास्टिक की सीट भी टूट गई। सदन में सभी विधेयक पारित किए गए। इसके बाद सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।
अब  कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को सुबह 11 बजे राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मुलाकात करेगा। सत्र के दौरान सरकार विपक्ष की बात ना सुनने को लेकर प्रतिनिधिमंडल मुलाकात करेगा।
इससे पहले कड़ी सुरक्षा और कोविड प्रोटोकॉल के बीच विद्यायकों को सदन में एंट्री दी गई। एक-एककर विधायक सदन में पहुंचे। सदन में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय और मदन कौशिक समेत करीब 33 विधायक पहुंचे। विधानसभा सत्र की शुरुआत में पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, पूर्व विधायक स्व बृज मोहन कोटवाल और  पूर्व विधायक स्व नारायण सिंह भैंसोडा को श्रद्धांजलि दी गई।  जिसके बाद सदन की कार्यवाही शुरू हुई।  स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही दोपहर एक बजे पुनः शुरू की गई। विधानसभा में सरकार ने सभी 19 विधेयक पारित कराए। इसके बाद सदन की कार्यवाही को दोपहर 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
विधायक पूरण फर्त्‍याल ने नियम 58 के तहत की चर्चा की मांग
सत्ता पक्ष के विधायक पूरण सिंह फर्त्‍याल ने नियम 58 के तहत कार्य स्थगन की सूचना दी, लेकिन स्पीकर ने फर्त्याल की नियम 58 की सूचना का संज्ञान ही नहीं लिया। विधायक ने टनकपुर जौलजीबी मोटर मार्ग में फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर टेंडर करने से व्याप्त असंतोष की सूचना लगाई। बता दें कि विधायक फर्त्‍याल अपनी ही सरकार से नाराज़ चल रहे हैं। 
वही सदन में सत्ता पक्ष की ओर से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, मंत्री मदन कौशिक, अरविंद पांडेय, सुबोध उनियाल, रेखा आर्या, सतपाल महाराज, विधायक मुन्ना सिंह चौहान, मुकेश कोली, भरत चौधरी व सुरेंद्र सिंह जीना मौजूद हैं, जबकि विपक्ष की ओर से प्रीतम सिंह चौहान, ममता राकेश, काजी निजामुद्दीन, मनोज रावत व निर्दलीय प्रीतम पंवार मौजूद हैं।
तो कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य समेत 16 विधायक सत्र से वर्चुअली जुड़े हैं।

ये अध्यादेश विधेयक के रूप में पेश

उत्तराखंड माल एवं सेवाकर (संशोधन)

उत्तराखंड राज्य कृषि उपज एवं पशुधन विपनण (प्रोत्साहन एवं सुविधा)

हेमवती नंदन बहुगुणा चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय (संशोधन)

उत्तराखंड राज्य कृषि उपज एवं पशुधन संविदा खेती एवं सेवाएं (प्रोत्साहन एवं सुविधा)

उत्तराखंड पंचायतीराज (द्वितीय संशोधन)

उत्तराखंड जिला योजना समिति (संशोधन)

महामारी रोग (संशोधन)

उत्तराखंड माल एवं सेवाकर (द्वितीय संशोधन)

उत्तराखंड राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन (संशोधन)

उत्तराखंड राज्य विधानसभा (सदस्यों की उपलब्धियां और पेंशन) (संशोधन)

ये विधेयक पेश

उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश राज्य विधानमंडल (अधिकारियों के वेतन तथा भत्ते)(संशोधन))

बोनस संदाय (उत्तराखंड संशोधन)

व्यवसाय संघ (उत्तराखंड संशोधन)

औद्योगिक विवाद (उत्तराखंड संशोधन)

कारखाना (उत्तराखंड संशोधन)

उत्तराखंड (उप्र औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947)

उत्तराखंड (जौनसार बावर जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम) (संशोधन)

उत्तराखंड (उप्र जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम) (संशोधन)

उत्तराखंड राज्य विश्वविद्यालय

उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय (संशोधन)

उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन (संशोाध्न)

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