आखिर क्यो ओर कैसे उत्तराखंड के शिक्षा विभाग मै नियमों और मानकों की धज्जियां उड़ाई जाती है !!
आखिर कहा चल रहा है साठ गांठ का खेल!!?
कोन है जो लोकप्रिय मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की जीरो टॉलरेश की नीति पर ग्रहण लगाने का प्रयास कर रहा है??
क्या कोई राज्य के
ईमानदार शिक्षा मंत्री को गुमराह कर रहा है या दबंग पांडये जी की छवि को धूमिल करने का प्रयास???
इतना सब कुछ हो जाने के बाद भी क्यो
स्कूल खुलने का हो रहा इंतज़ार???
आखिर तत्काल क्यो नही स्कूल मैं प्रशासक को बैठा दिया जाता ??
क्या एक शिक्षक नेता त्रिवेंद्र सरकार ,शिक्षा विभाग के आदेशों से बड़ा हो गया उठ गया ये सवाल??
आखिर किस की सह पर
लॉक डॉन के बीच
स्कूल के ताले खुलवा दिए गए !!
31 मार्च तक क्या पूरी प्रक्रिया को गुपचुप तरीके से दिया गया अंजाम !
सुनिए साहब , जानिए लोकप्रिय
उत्तराखंड सरकार
ख़बर ये मिल रही है कि
देहरादून मैं कोरोना ( लॉक डॉन) के बीच एक और हैरान करने वाला मामला सामने आ चुका है।
सूत्रों ने कहा कि एक शिक्षक नेता ने शासन के आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए खुद को रिलीव करने और दूसरे स्कूल में जॉइन करने के लिए बंद पड़े स्कूल के ताले खुलवा लिए!!
बाप रे बाप !!
ना सरकार बड़ी ना सिक्षा मंत्री और ना ही शिक्षा विभाग
सबसे बड़ा तो भैया ये शिक्षक नेता !!!??
सुनिए ये
पूरा मामला महेश्वरानंद इंटर कॉलेज माजरा का है जानकारी अनुसार यहा एक सहायक अध्यापक को रिलीव करने के लिए पहले स्कूल खोला गया फिर अमबावती दून वैली पब्लिक स्कूल पंडितवाड़ी में ज्वाइन भी करा दिया गया।
सूत्र कहते हैं कि इस पूरी प्रक्रिया को गुपचुप तरीके से अंजाम दिया गया !
सवाल ये उठता है कि जब स्कूल बंद है तो फिर महज एक शिक्षक के लिए यह सब क्यों किया गया?
जिसका कारण था 31 मार्च को प्रिंसिपल को रिटायर होना ओर इसी चार्ज को लेने के लिए शिक्षक नेता ने ओर शिक्षक नेता व चाहने वालो ने ये पूरी फील्डिंग सजा डाली।
ओर तो ओर मुख्य शिक्षा अधिकारी को भी इस पूरे मामले की जानकारी थी
जहा देश लॉक डाउन से गुजर रहा है ओर भारत ही नहीं पूरा विश्व इस समय कोरोना वायरस महामारी से निपटने के उपाय को अपना रहा है , लेकिन अपने उत्तराखंड के शिक्षा विभाग के अधीन आशाकीय स्कूलों को ना तो कोरोना का कोई खौफ है और ना ही देश के प्रधानमंत्री जी की अपील का इन पर असर पड़ा।
ये बात इसलिए कही की तारीख दर तारीख गवाह है।
ओर तो ओर ये लोग जीरो टॉलरेश की नीति से चलने वाली लोकप्रिय त्रिवेंद्र सरकार महकमे के द्वारा जारी किए गए आदेशों का भी है धड़ल्ले से मजाक उड़ा रहे हैं !!धज्जियां उड़ा रहे हैं!!बल
ओर खेला गया आशाकीय स्कूल मै अपने चहेते शिक्षक नेता का ट्रांसफर पोस्टिंग का खेल
वो भी लॉक डाउन के बीच।
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे जी ध्यान दीजिए कि जीरो टॉलरेश की नीति से सरकार चलाने वाले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के नेतृत्व ये कैसे हो रहा है!!??
आपके विभाग में ये कैसा खेल खेला गया ?? किसकी सह पर खेला गया??!!
कही ये तो नही की आपकी भी लोकप्रिय छवि कों खराब करने की कोई साजिश तो नही हों रही है??
लिहाज़ा आप तत्काल मन्त्री जी इस मामले का सज्ञान ले कर उचित निर्देश दे।
क्योकि ये
शिकायतें लगातार आ रही है पूछता है बोलता उत्तराखंड आखिर राजधानी देहरादून के आशाकीय स्कूल महेश्वरानंद इंटर कॉलेज माजरा और अमरावती दून वैली पब्लिक स्कूल पंडितवाड़ी एक शिक्षक की रिलीविंग और जॉइनिंग के लिए लॉक डाउन के बावजूद कैसे खोल दिया गया?? जिसकी परमिशन मुख्य शिक्षा अधिकारी से लेना भी उचित नहीं समझा गया , ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि आखिर दोनों स्कूलों को ऐसी क्या आन पड़ी थी जब देशभर में लॉक डाउन चल रहा ????
सबसे बडी बात ये है कि इस समय जॉइनिंग के पीछे ना तो छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होने वाले कोई बात है और ना ही इन दिनों स्कूल का कोई ऐसा काम जो शिक्षक नेता की जॉइनिंग करने से कोई फायदा स्कूल को हो रहा है क्योकि स्कूल तो बंद है तो फिर जॉइनिंग की ऐसी क्या जल्दी थी??
मुख्य शिक्षा अधिकारी आशा रानी भी इन सब बातों से अनजान नहीं उन्होंने कहा कि कार्रवाई होगी लेकिन सवाल यह है कि कब होगी कब होगी कब होगी?? ये तमाम बातें मंत्री अरविंद पांडये जी के सज्ञान मैं है इस बात की जानकारी उनके विशेष कार्य अधिकारी तिवारी जी ने बोलता उत्तराखंड को फोन पर बताया था और ये भी कहा था कि
C o ने नोटिस भेजा है, मंत्री जी ने सख्त निर्देश दिए है
ओर हम यहा प्रशासक बैठा देगे यदि नियमो की धज्जियां उड़ाई गई है तो।
लेकिन इसी बीच
फिर 31 मार्च को ख़बर
मिली कि
अम्बावती दून घाटी इण्टर कॉलेज पण्डितवाडी़ देहरादून में प्रधानाध्यापिका दिनांक 31/03/2020को सेवानिवृत्त हुई हैं।
ओर नियम और महकमा का आदेश ये कहता है कि
प्रधानाध्यापक का प्रभार उत्तराखण्ड विद्यालयी शिक्षा अधिनियम के अनुसार वरिष्ठतम सहायक को दिया जाना चाइए था
जो हुवा नही ओर सूत्रों से मिलीं जानकारी अनुसाए अनिल कुमार नौटियाल (जिलामंत्री उत्तराखण्ड माधयमिक शिक्षक संघ जनपद देहरादून) को प्रधानाध्यापक का चार्ज दे दिया गया।
जबकि
सभी नियम ,व मानक
ये कहते है कि वहा की अध्यापिका श्रीमती शशि को प्रधानाध्यापक का चार्ज दिया जाना चाहिए था,
जो हुवा नही।
वही आपको बता दे जबकि इस संबंध में मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून ने दिनांक 30/03/2020 को आदेश निर्गत किए हैं कि प्रधानाध्यापक का प्रभार वरिष्ठतम अध्यापिका को दिया जाए|
अभी तक श्रीमती शशि को प्रधानाध्यापक का प्रभार न मिलने से प्रतीत होता है कि इसमें व्यापक भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है जिसमें विभाग व शासन की छवि तो धूमिल हो ही रही है साथ मैं लोकप्रिय त्रिवेंद्र सरकार और शिक्षा मंत्री जी की साफ छवि को भी कुछ षड्यंत्र कारी षड्यंत्र रच खराब करने का प्रयास कर रहे है।
बहराल
मंत्री अरविंद पांडेय
जी के विशेष कार्य अधिकारी तिवारी जी ने बोलता उत्तराखंड को फोन पर पहले बताया था और ये भी कहा था कि
C o ने नोटिस भेजा है, मंत्री जी ने सख्त निर्देश दिए है
कार्यवाही होगी
लेकिन जब उनसे दोबारा 31 मार्च के बाद फोन पर बात हुई ओर उनको अवगत कराया गया कि यहा तो नियम मानकों को कुचला जा रहा है तो उनका कहना था कि
स्कूल खुल जाने पर जांच बैठाई जाएगी।
ओर नियम अनुसार कार्यवही होगी ये मन्त्री अरविंद पांडये जी ने कहा है। थोड़ा स्कूल खुलने तक इंतजार कीजिये
किसी के साथ भी गलत नही होगा।
तो उधर अध्यापिका श्रीमती शशि जिनको महकमे के नियम , मानक के अनुसार प्रधानाध्यापक का चार्ज दिया जाना चाहिए था उनका स्वास्थ्य और मानसिक हालत ठीक नही है ये कहना उनके पति का है उनके अनुसार
जब कोई ईमानदारी से पूरी ज़िदगी मेहनत कर, निष्ठा के साथ कार्य करता है और जब उसके नियम अनुसार प्रमोशन की बारी आती है तो
सेटिंग गेटिंग वाले को पद मिल जाता है तो आप बताइए
किसका दिमाग खराब नही होगा ,
कोन इस हालत मैं मानसिक तनाव मैं नही चला जायेगा
वो कहते है कि एक बात बताइए
जब लॉक डॉन के बीच स्कूल खुल जाता है ,चार्ज भी दे दिया जाता है वो भी नियमो के विपरीत
ओर मंत्री जी को सब मालुम है!
तो क्यो नही तत्काल वहां प्रशासक बैठा कर जांच कराई जा रही है। आगे जो सही होगा , नियमो के अनुसार होगा उसका सब पालन करेंगे।
पर अभी क्यो नही प्रशासक बैठाया जा रहा है।
ये वो बाते है जो मन मे सवाल पैदा करती है कि कही आगे इससे बड़ा षड़यंत्र ओर तो नही खेला जाएगा।