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फेक न्यूज लिखने से पहले सावधान।
कोरोना वायरस पर फेक न्यूज या गलत जानकारियां प्रसारित करने पर प्रशासन द्वारा कानूनी कार्रवाई की जाएगी। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के क्रम में सचिव दिलीप जावलकर द्वारा जारी आदेश में जिलाअधिकारियो और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक को सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रोनिक मीडिया पर फेक न्यूज पर रोक लगाने के लिए इनकी प्रभावी मानिटरिंग सुनिश्चित करने को कहा गया है। सोशल मीडिया में कोरोना वायरस के संबंध में गलत जानकारियां देने या फेक न्यूज देने पर आईटी एक्ट व डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।
कोरोना वायरस के संबंध में ऐसी गलत सूचनाएं प्रसारित नहीं की जानी है जिनसे आमजन में भय व्याप्त हो और लोकव्यवस्था बिगङे।
उधर भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म को कोरोना वायरस पर फेक न्यूज और गलत सूचनाओ को हटाए जाने के लिए निर्देशित किया गया है। इसी क्रम में प्रदेश में भी सोशल मीडिया पर इस तरह की गलत जानकारियां देने पर संबंधित जिला प्रशासन को प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिये गये हैं।
वही उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के निर्देशों के अनुसार नोबल कोरोना वायरस से उत्पन्न राष्ट्रीय आपादा में उत्तराखण्ड के दिल्ली एन.सी.आर में फॅसे हुए लोगों के ठहरने एवं भोजन की व्यवस्था कराई जा रही है। दिल्ली एन.सी.आर में गाजियाबाद, नोएडा, फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा में फॅसे व्यक्तियों के राशन एवं भोजन की व्यवस्था की गयी है।
उत्तराखण्ड की अपर स्थानिक आयुक्त श्रीमती इला गिरी के द्वारा उत्तराखण्ड के दिल्ली एन.सी.आर के लोगों से कॉल प्राप्त होने पर समन्वय स्थापित कर मुख्यमंत्री के निर्देशों पर हर संभव मदद की जा रही है अभी तक प्राप्त काल्स पर इनकी समस्याओं पर कार्यवाही की गयी है।