ईमानदार मुख्यमंत्री व त्रिवेंद्र सरकार की छवि को क्या धूमिल कर रहा ये ऊर्जा विभाग ? कोरोना है बल बिल चुकाओ फ़टाफ़ट !

*कोरोना संकट की घड़ी में भी ऊर्जा विभाग को टाइम से चाहिए बिल*

 

देहरादून। भले ही पूरा देश कोरोना का रोना रो रहा हो और तमाम राज्यों में बिजली-पानी के बिल इस दौर में स्थगित हो गए हों, लेकिन अपने ऊर्जा प्रदेश उत्तराखंड की तो बात ही कुछ और है।

यहां पर हमारे प्रबंध निदेशक बीसीके मिश्रा ने जनता से बिजली का बिल जमा करने की अपील जारी की है।

अपील मे लिखा है कि कोरोना के कारण उत्पन्न स्थिति के दृष्टिगत सम्मानित विद्युत उपभोक्ताओं से अपील की जाती है कि वे संकट की इस घड़ी में निरंतर विद्युत आपूर्ति के लिए आवश्यक धनराशि की उपलब्धता सुनिश्चित रहे, इसके लिए विद्युत बिलों का भुगतान कर दें।
यूपीसीएल ने इसके लिए बाकायदा दर्जनभर भुगतान के तरीके भी सुझाए हैं, जिसमें वेबसाइट पर जाकर डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिंग, यूपीआई, आरटीजीएस, एनईएफटी तथा भारत क्यूआर आदि माध्यम सुझाए हैं।

इसके अलावा अन्य माध्यम जैसे कि पेटीएम, फोन पे, अमेजॉन पे, गूगल पे, मोबाइल ऐप जैसे भुगतान के तरीके भी ओल्ड तथा रंगीन अक्षरों में दर्शाए हैं।
विद्युत विभाग ने लिखा है कि विद्युत उत्पादन पारेषण और विद्युत वितरण इकाइयों को वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक बी सी के   misra ne मीडिया से कहा कि सभी फैक्ट्रियां बंद हैं और उनके कर्मचारी भी बिजली बिल की रीडिंग तथा भुगतान के लिए नहीं जा पा रहे हैं, इसलिए ऑनलाइन पेमेंट ही एक मात्र माध्यम है, वरना उनके विभाग में भी वेतन के भी लाले पड़ जाएंगे।

वित्तीय संसाधनों की कमी के कारण भविष्य में निर्बाध विद्युत आपूर्ति बनाए रखने के लिए दिन प्रतिदिन कठिनाई बढ़ते जाना स्वभाविक होगा।

जाहिर है कि जहां अन्य राज्यों में सरकारें लोगों को सांत्वना दे रही है और कह रही है “कुछ नहीं होगा, जो भी नुकसान होगा सरकार भरेगी।” यहां तक कि किरायेदारों को किराया लेने तक के लिए मना कर दिया गया है।  पानी का बिल भी 31 मई के बाद देेंना है

पर वहीं बिजली विभाग की अपील ने उपभोक्ताओं को एक तरह से डरा दिया है।

अब आप खुद ही बोल लो हम नही बोलगे बस इतना कह रहे है कि पानी का बिल जमा करने  छूट   मिली है  31 मई तक

  1. ओर बिजली का अपने सुन ही लिया।

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