देहरादून का ऐतिहासिक झंडा मेला शुरू, आकर्षण का केंद्र रहा 85 फीट के झंडे जी का आरोहण।
श्रद्धा का सैलाब और आस्था का समंदर और उस पर भक्ति के रस से सराबोर संगते
इस संगत का सैलाब ऐसा कि कहीं तिल रखने की जगह नहीं और चारों ओर गुरु के जयकारों की गूंज, फिर भी असीम शांति का एहसास।
यह अद्भुत नजारा शनिवार को श्री दरबार साहिब में दिखाई दिया। जहां भारत के कोने कोने से पहुंचे लाखों श्रद्धालु ने आस्था व विश्वास के प्रकाश पुंज झडे जी के आरोहण की पवित्र रस्म के साक्षी बने।
आज सुबह लगभग आठ बजे झंडे जी को उतारने की प्रक्रिया शुरू हुई। इससे पहले से ही नये झंडेजी को दूध, दही, घी, गंगाजल, पंचगव्य से स्नान कराया जा रहा था
पूजा-अर्चना के बाद गिलाफ चढ़ाना शुरू किया गया। 41 सादे गिलाफ, 21 सनील के गिलाफ और अंत में देहरादून के परमजीत सिंह ने दर्शनी गिलाफ चढ़ाया।
दर्शनी गिलाफ को छूने को हर कोई श्रद्धालु आतुर था।
इसके बाद मखमली वस्त्र, सुनहरे गोटों, चंवर से सुसज्जित कर झंडे जी का आरोहण लगभग 4 बजे आरम्भ किया गया।
दरबार साहिब के महंत श्री देवेंद्र दास महाराज के दिशा-निर्देशन में 105 फीट ऊंचे झंडे जी को लकड़ियों की कैंची के सहारे धीरे-धीरे खड़ा ही किया जा रहा था कि तभी झंडे जी के निचे का लगभग 15 से 18 फुट का भाग झंडे जी के थोड़ा चढ़ते ही खडित हो गया
जिज़ कारण लगभग 7 लोगो को हल्की चोट भी आई जिन्हें अस्प्ताल पहुचाया गया ख़बर लिखे जाने तक सब ठीक है ओर अस्प्ताल मैं ही स्वास्थ्य लाभ ले रहे है
उसके बाद एक बार फिर शाम लगभग 6 बजे शक्ति पुंज झंडे जी के आरोहण की प्रिकिया आरम्भ हुई और फिर पूरा माहौल जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल, सच्चे दरबार की जय, दरबार साहिब की जय आदि जयकारों से दूंन नगरी गूंज उठी ओर देखते ही देखते झंडे जी महाराज अपने स्थान पर लगभग 6 बजकर 45 मिनट पर आ खड़े हुए
इस समय आस्था की भावुकता से श्रद्धालुओं की आंखें नम हो गई।
ओर लाखो की तादात मै वहीं संगत ढोल की थाप पर नृत्य करने लगी। इस मौके पर पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, दिल्ली, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश आदि राज्यों से श्रद्धालु पहुंचे।
श्री गुरु राम राय का 374 वें जन्मदिवस मनाया
श्री गुरु राम राय ने वर्ष 1676 में दून में डेरा डाला था। उनका जन्म 1646 में पंजाब के होशियारपुर जिले के कीरतुपर में होली के पांचवें दिन हुआ था। इसलिए दरबार साहिब में हर साल होली के पांचवें दिन उनके जन्मदिवस पर झंडा मेला लगता है। गुरु राम राय ने ही लोक कल्याण के लिए विशाल ध्वज को यहां स्थापित किया था। इस बार उनका 374
वां जन्मदिवस धूमधाम से मनाया गया।
श्रद्धालुओं ने देखा लाइव प्रसारण
श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते हर किसी के लिए झंडे जी का आरोहण साक्षात देख पाना संभव नहीं हो पाता। ऐसे श्रद्धालुओं के लिए श्री दरबार साहिब मेला समिति की ओर से एलईडी स्क्रीन की व्यवस्था दर्शनी गेट, भंडारी चौक, सहारनपुर चौक, दरबार साहिब में की गई थी। ड्रौन कैमरों की मदद से झंडे जी के आरोहण का लाइव प्रसारण किया गया।
जगह-जगह लंगर व भंडारे का आयोजन
जगह-जगह श्रद्धालुओं के लिए छोटे बड़े लंगर का आयोजन किया गया। सहारनपुर चौक, जैन धर्मशाला, तिलक रोड, दरबार साहिब परिसर, हनुमान चौक आदि में भंडारे और लंगर की व्यवस्था की गई।
15 तारीख को होगी नगर परिक्रमा
रविवार को नगर परिक्रमा होगी। श्री महंत देवेंद्र दास महाराज की अगुवाई श्रद्धालु दरबार साहिब से पैदल निकलेंगे। तिलक रोड, घंटाघर गांधी रोड, रीठा मंडी, भंडारी बाग होते हुए नगर परिक्रमा लक्खीबाग स्थित महंत की समाधि स्थल पहुंचेंगी। इसके बाद दरबार साहिब में आकर परिक्रमा संपन्न होगी।
1 अप्रैल तक चलेगा मेला
झंडे जी के आरोहण के बाद से यहां मेला शुरू हो गया है। जो एक अप्रेल तक चलेगा। इसके लिए तरह-तरह के साज-सामान की दुकानें और झूले आदि लगाए गए हैं।
कब क्या हुआ
सुबह आठ बजे झंडे जी को उतारने की रस्म शुरू हुई फिर सुबह 8 बजे से झंडेजी के पुराने गिलाफ उतारे गए। इस बीच नए झंडे जी को दूध, दही, घी, गंगाजल, पंचगव्य से स्नान कराया जा चुका था फिर दोपहर पहले सादे गिलाफ चढ़ाने शुरू हुए।
उसके बाद सनील के गिलाफ चढ़ाए गए फिर दर्शनी गिलाफ चढ़ाना गया ।ओर कुछ लगभग 1 घण्टे के विघ्न के बाद फिर से झंडे जी का आरोहण किया गया लगभग 6 बजक 45 मिनट तक झंडे जी अपने स्थान पर विराजमान हो गए ओर इसी के साथ श्रदालुओ ने जमकर ढोल की थाप पर नाच कर खुशियां मनाई।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सहित सहित पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत , राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी , मेयर सुनील उनियाल गामा , विद्यायक खजान दास सहित कही राजनेताओ ने आस्था के मेले झंडे जी के आरोहण पर अपनी बधाई सगतो को दी और गुरु राम राय महाराज जी से अपने प्रदेश की खुशाली की कामना की