
पूरी खबर
रविवार को सुबह लगभग 4 बजे त्रिवेंद्र सरकार को मालूम चला कि तहसील मोरी के ग्राम माकुड़ी, आराकोट, मोल्ड़ा, सनेल गांव, टिकोची एवं दुचाणु जोटाई गोकुल, में अतिवृष्टि/बादल फटने से क्षति हुई है जिसके बाद ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने तत्काल राहत बचाव कार्य के लिए राज्य के अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए और खुद भी रविवार को पूरे दिन अधिकारियों से अपडेट लेते रहे ओर सोमबार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के निर्देश पर ही मौसम खुलते ही राज्य के दो मंत्री सुबोध उनियाल , धन सिंह रावत और सचिव आपदा प्रबंधन अमित नेगी ने आपदा क्षेत्र का दौरा किया उनके साथ आई.जी.एसडीआरएफ संजय गुंज्याल भी इस दौरान साथ रहे । ओर सबसे पहले वहां से 4 घायलों को एयरलिफ्ट कर
( हेलीकॉप्टर) से दून अस्पताल में भर्ती कराया गया जहा उनका अभी इलाज चल रहा है जिनका स्वास्थ्य चिंताजनक नही है ।
बता दे कि ख़बर लिखे जाने तक कुल 12 व्यक्तियों की मृत्यु हो चुकी थी मतलब उनके शव मिल गए है जबकि 5 लोगों अभी भी लापता है
तो 4 घायलों का इलाज चल रहा है इस आपदा के काल मैं अभी और 5 लोगो की जान जाने का अंदेशा लगाया जा रहा है।
वही सचिव आपदा प्रबंधन नेगी ने बताया कि युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव कार्य जारी है।
स्वास्थ्य विभाग की तरफ से
2 टीमें आराकोट मे प्रभावितों को चिकित्सकीय सुविधा प्रदान कर रही है। तो देहरादून के राजकीय कोरोनेशन अस्पताल से आपदाग्रस्त क्षेत्र (मोरी), जनपद उत्तरकाशी के लिये डाॅ. विजय सिंह पंवार, आर.सी. पुरोहित एवं डाॅ. प्रवीन तायल को आराकोट भेजा गया है जबकि डाॅ. जगदीप बिष्ट, सहित उनकी पूरी टीमें बड़कोट में स्टैण्ड बाई है।
वहीं पशुपालन विभाग की टीम भी
घटना स्थल ग्राम टिकोची में डा0 सुनील गुप्ता सहित 3 पशुधन सहायक की टीम द्वारा पशु चिकित्सा राहत कार्य जारी है। टीम द्वारा आराकोट में राजकीय इण्टर कालेज में पशु चिकित्सा कार्य हेतु कैम्प के रूप में कार्य किया जा रहा है। तो यदि प्रभावित परिवारों के पशुओं के लिए यदि चारा की समस्या होती है तो नैटवाड़ व पुरोला में कम्पैक्ट फीड ब्लाॅक का भण्डार प्रचुर मात्रा में उपलब्ध कराया गया है जो प्रभावित क्षेत्र में शीघ्र उपलब्ध करा दिये जाने के निर्देश दिए गए है वही टीम के पास पशु चिकित्सा दवा भरपुर मात्रा में है
पेयजल विभाग विभाग के जरिये
विकासखण्ड मोरी तथा आराकोट में अलग-अलग स्थानों पर लगभग 12 पेयजल योजनाएं जो क्षतिग्रस्त हो रखी हैं उन्हें सुचारू किये जाने का कार्य तेज़ी से चल रहा है।
तो पुलिस विभाग द्वारा आपदा प्रभावित क्षेत्र आराकोट में 1 वायरलैस सैट स्थापित किया गया है
18 हैण्ड हैल्ड सैट,
5 स्टेटिक्स सैट,
4 सोलर प्लेट,
3 एस0एम0पी0एस लेकर एक टीम प्रभावित क्षेत्र में पहुंची हुई है
वही एस0ओ0 मोरी के साथ 12 से 13 लोगों की एक टीम जिसमें एस0डी0आर0एफ0, एन0डी0आर0एफ0 और पुलिस के लोग माकुड़ी पहुचे हुए है।
लोक निर्माण विभाग द्वारा हैली काप्टर उतारने हेतु जी.आई.सी. आराकोट के मैदान में हैलीपैड बनाया जा चूका है। तथा माकुड़ी क्षेत्र हेतु ग्राम-डगोली में अस्थायी हैलीपैड़ बनाया जा रहा है।
तो विद्युत विभाग के जरिये जो सप्लाई आराकोट के लिए जाती है ,विकासनगर का 2-3 का स्पेन जो डैमेज था उसे ठीक कर दिया गया है तो अभी 700-800 मीटर आराकोट की लाईन पर कार्य हो रहा है जो कि 11 के0वी0 स्विचिंग स्टेशन पर जाती है। इसके पश्चात् 11 के0वी0 स्विचिंग स्टेशन से आराकोट तक की विद्युत लाईन क्षतिग्रस्त हो गयी है। इसलिए स्विचिंग स्टेशन से आाराकोट तक विद्युत आपूर्ति बाधित है। जिस कारण आराकोट से आगे गांवों की सप्लाई रुकी हुई है बरसात की वजह से यहां काम नही हो पा रहा था पर अब उम्मीद जताई जा रही है कि आज देर रात तक नही तो कल सुबह तक
आराकोट की सप्लाई सुचारू हो जायेगी।
वही अभी मोरी ब्लाॅक के अंतर्गत आराकोट के आस-पास के क्षेत्र के लगभग 38 गांवों की विद्युत आपूर्ति विद्युत लाईनों के क्षतिग्रस्त होने के कारण बाधित है।
इसमे थोड़ा समय लगेगा तब तक वैकल्पिक विद्युत आपूर्ति सुचारू किये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं
वही खाद्य विभाग भी मुस्तेद है
जिला पूर्ति अधिकारी एवं पूर्ति निरीक्षक प्रभावित स्थल पर तैनात है राजजकीय खाद्यान गोदाम आराकोट में 170 कुंतल गेहूं व 300 कुंतल चावल) उपलब्ध करा दिए गये है
ओर पूरे क्षेत्र में अगस्त माह का राशन वितरित कराया जा चुका है। तो दूरस्थ क्षेत्रों में सितंबर माह का खाद्यान भी प्रेषित कर दिया गया है। वही आराकोट क्षेत्र के लिए पुरोला से 1 गैस का ट्रक रवाना किया जा चुका है तो वही क्षेत्र के उपभोक्ताओं को त्यूनी गैस एजेंसी से भी घरेलू गैस उपलब्ध करायी जा रही है।
आपदा क्षेत्र आराकोट में 3 स्थानों पर खाने के लिए कैम्प चलाये जा रहे हैं। जहा लगातार 400 से अधिक लोगो को कल से भोजन कराया जा रहा है तो त्यूनी (देहरादून) से भोजन की व्यवस्था हेतु आटा, दाल, चावल, मसाले, चाय, माचिस, चीनी, मिल्क पाउडर, गुड़, भुना चना, बिस्किट, तेल, नमक तथा पानी की बोतले आदि आराकोट को अधिक मात्रा मैं भेजा गया था जो आराकोट में प्राप्त हो गया है।
वही प्रभावित क्षेत्र के आस-पास स्थित पेट्रोल पम्पों में पर्याप्त मात्रा में डीजल पेट्रोल की सुचारू उपलब्धता के लिए सभी आॅयल कंपनी के अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। वही प्रभावित क्षेत्र के निकट हिमांचल प्रदेश के टन्द्राणी में पेट्रोल/डीजल पंप में पर्याप्त उपलब्धता के लिए हिमांचल प्रदेश के आॅयल कंपनी के अधिकारियों को भी अवगत कराया गया है।
प्रभावित नौ गाॅवों में राहत सामग्री (चावल, दाल, नमक, मसालें, तेल, चीनी, दूध एवं चाय पत्ती) पहुॅचायी जा रही है।
खोज एवं बचाव कार्य मे
सचिव आपदा प्रबन्धन विभाग एवं पुलिस महानिरीक्षक (एस0डी0आर0एफ0) ने प्रभावित स्थल पर पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की है सचिव (प्रभारी), आपदा प्रबन्धन व आपदा प्रबन्धन हेतु नामित विभिन्न विभागों के नोडल अधिकारियों तथा स्टाफ के अन्य कर्मचारियों द्वारा राज्य आपातकालीन परिचालन केन्द्र में उपस्थित रहते हुए समन्वय व खोज एवं बचाव कार्य के संबंध में आवश्यक कार्यवाही की जा रही है तो ।एस0डी0आर0एफ0 की टीम ग्राउंड जीरो पर मौजूद है ,आई0टी0बी0पी0 की आपदा खोज बचाव टीम व राजस्व की टीम भी घटना स्थल पर है है। हेली द्वारा जरूरत का सभी समान पहुँचा दिया गया है जो कम पड़ेगा उसे भी पहुँचा दिया जाएगा
ये सब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के दिशा निर्देश पर तत्काल किया गया है।
वही जहा मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के निर्देश पर यहां पूरी टीम राहत बचाव कार्य मैं जुटी हुई है तो मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत
खुद नई दिल्ली के नार्थ ब्लाॅक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भेंट करने गए जहा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने उन्हें उत्तराखण्ड में अतिवृष्टि से हुई जन-धन हानि की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने बताया कि दैवीय आपदा से इस साल राज्य के विभिन्न स्थानों पर 32 से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई है।
ओर राज्य को अभी तक प्रारम्भिक अनुमान के अनुसार लगभग 175 करोड़ रूपए का नुकसान हुआ है। वही मुख्यमंत्री रावत ने आपदाग्रस्त स्थानों पर संचालित बचाव व राहत कार्यों के बारे में भी जानकारी दी। तो वही केंद्रीय गृह मंत्री ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को प्रदेश में आपदा की स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट देने के लिए कहा। वही उन्होंने मुख्यमंत्री को केंद्र से हर आवश्यक सहयोग दिए जाने के प्रति आश्वस्त भी किया है।
ओर कल यानी मंगलवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत खुद उत्तकाशी के आपदा ग्रस्त क्षेत्र का दौरा करेंगे। बता दे कि अगर मोसम ने साथ दिया तो मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत आपदा पीडितो से अधिक समय तक उनका दर्द बॉटने की कोशिस कर ग्राउंड जीरो पर पहुँच कर कुछ बड़े दिशा निर्देश भी अधिकारीयो को दे सकते है।