उत्तराखंड सरकार का एक दल दुबई और यूरोपीय देशों की यात्रा पर जाने वाला है बल मंत्री मदन कौशिक ..

विदेश यात्रा पर


अपने उत्तराखंड में रोपवे और पब्लिक रैपिट ट्रांजिट यानी कि बोले तो पीआरटी प्रणाली लागू करने की संभावनाएं टटोलने के लिए अब उत्तराखंड सरकार का एक दल दुबई और यूरोपीय देशों की यात्रा पर जाने वाला है ख़बर है कि इस दल का नेतृत्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत करेंगे। वही इस दल में शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक व शासन के उच्चाधिकारी भी रहेंगे। जानकरी अनुसार इस दल के सितंबर महीने के दूसरे हफ्ते में रवाना होने का कार्यक्रम बन रहा है या बन चुका है।
बता दे कि इस संबंध में त्रिवेन्द्र सरकार ने आर्थिक मामलों के मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से संबंधित प्रक्रिया भी आरंभ कर दी है। आपको बता दे कि इससे पहले भी शहरी विकास मंत्री के नेतृत्व में विधायकों का एक अध्ययन दल पहले भी यूरोप की यात्रा कर चुका है।
जो ख़बर निकलकर आ रही है उसके अनुसार त्रिवेंद्र सरकार देहरादून और कुंभ नगरी हरिद्वार में बढ़ते ट्रैफिक के दबाव को लेकर गम्भीर है, चिंतित है और भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए अब नए और व्यावहारिक विकल्पों की संभावनाएं तलाश रही है। जानकारी अनुसार इस कड़ी में सरकार रोपवे और पीआरटी प्रणाली के सभी विकल्पों को भी देखना चाहती है कि इसका प्रयोग पहले हरिद्वार ओर देहरादून की यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने में कितने प्रभावी रहेंगे। इस मकसद ओर संभावना को तलाशने के लिए एक दल यूरोपीय देशों की यात्रा पर जल्द जाएगा।
ख़बर है कि इस बार दल का नेतृत्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत करेंगे, जिसमें शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक के अलावा मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, सचिव आवास, उत्तराखंड मेट्रो कारपोरेशन के एमडी जितेंद्र त्यागी भी रहेंगे।
ख़बर ये भी है कि अगर कार्यक्रम मैं बदलाव ना हुवा तो 15 सितंबर से 24 सितंबर तक विदेश दौरे का भ्रमण पर सरकार का एक दल रहेगा।
ख़बर ये भी है कि इस दौरान अध्ययन दल आबूदाबी, लंदन, एम्सटर्डम, ज्यूरिख की यात्रा करेगा जहां रोपवे और पीआरटी टैक्सी प्रणाली के बारे में जानकारी लेगा। इस दौरान रोपवे और पीआरटी प्रणाली से जुड़ी कंपनियों, इनके संचालन और इनके आर्थिक पहलुओं के बारे में जानकारी ली जाएंगी।
बहराल मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जी पिछले 10 सालों का जिक्र करे तो राज्य के कही नोकरशाह, मंत्री, अफसर दर्जनों बार विदेश दौरे पर जा चुके है । पर उनके किसी भी एक यात्रा का लाभ उत्तराखण्ड को नही मिल पाया है।
इससे पहले ख़ास कर परिवहन, शहरी विकास, पर्यटन, ऊर्जा जैसे अफसरों व मंत्रियों के दौरे हो चुके है पर राज्य के हाथ कुछ ना लगा
ये अच्छी बात है कि विकास के लिहाज से नई तकनीक को राज्य मैं विकसित करने के लिए दौरे होने चाइए उनका स्वागत है लेकिन आउट पुट भी निकले तो अच्छा लगता है । आप की सरकार से उम्मीद करते है कि इन विदेश दौरे से उत्तराखण्ड को कुछ मीले , उ कुछ निकलकर आये। सुभकामनाये सरकार।

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