सेंटर में बच्चे अब विभिन्न स्कूली गतिविधियों, खेल, और मनोरंजन में हिस्सा लेकर अपनी छिपी हुई क्षमताओं को निखार रहे हैं।  

सेंटर में बच्चे अब विभिन्न स्कूली गतिविधियों, खेल, और मनोरंजन में हिस्सा लेकर अपनी छिपी हुई क्षमताओं को निखार रहे हैं।

देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल के नेतृत्व में भिक्षावृत्ति उन्मूलन की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल ने नई उम्मीदों का संचार किया है। सड़क पर भिक्षावृत्ति में संलिप्त बच्चों को मुख्यधारा में शामिल करने के लिए साधुराम इंटर कॉलेज में “आधुनिक इनोसेटिव केयर सेंटर” की स्थापना की गई है। यह सेंटर अब बच्चों के जीवन में नया अध्याय लिखने का काम कर रहा है।

शिक्षा और खेल के माध्यम से बदलाव

आधुनिक सुविधाओं से लैस इस केयर सेंटर में बच्चों को खेल-खेल में शिक्षित किया जा रहा है। फर्नीचर, खेल सामग्री, और अन्य उपकरणों से सुसज्जित इस सेंटर में बच्चे न केवल पढ़ाई में रुचि दिखा रहे हैं बल्कि चित्रकला और अन्य रचनात्मक गतिविधियों में भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं।

बच्चे, जो कभी कटोरा लेकर सड़कों पर घूमते थे, अब किताब और पेंसिल के जरिए अपने सपनों को आकार दे रहे हैं। उनका ध्यान शिक्षा और मनोरंजन के माध्यम से सकारात्मकता की ओर मोड़ा जा रहा है।

जिलाधिकारी का माइक्रो प्लान: सफलता की ओर कदम

जिलाधिकारी द्वारा तैयार किया गया माइक्रो प्लान भिक्षावृत्ति उन्मूलन की दिशा में एक बड़ी सफलता साबित हो रहा है। यह पहल न केवल बच्चों को सड़क से स्कूल तक लाने में सफल हो रही है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

बच्चों के जीवन में बदलाव

सेंटर में बच्चे अब विभिन्न स्कूली गतिविधियों, खेल, और मनोरंजन में हिस्सा लेकर अपनी छिपी हुई क्षमताओं को निखार रहे हैं। यह प्रयास उनकी सोच और जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव ला रहा है।

जिलाधिकारी सविन बंसल का यह अभिनव कदम समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है। उनका यह दृष्टिकोण यह साबित करता है कि सही दिशा में किए गए प्रयासों से समाज में बड़ा बदलाव संभव है।

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