केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की अहम बैठकों के बाद सीबीएसई 12वीं बोर्ड परीक्षा से संशय के बादल लगभग छंट गए हैं। अब केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के साथ ही स्कूलों में भी 12वीं बोर्ड परीक्षा की अंदरुनी तैयारी शुरू हो गई है। यह परीक्षा संभावित तौर पर 15 जुलाई से 26 अगस्त के बीच ली जाएगी। छात्रों के हक में फैसला करते हुए इस बार की परीक्षा होम सेंटर पर ली जाएगी। साथ ही पहले से तय परीक्षा अवधि तीन घंटे की बजाय इस परीक्षा में ऑब्जेक्टिव सवालों को हल करने के लिए डेढ़ घंटे का समय दिया जाएगा।
सीबीएसई की ओर से केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को दिए गए प्रस्तावों पर हालांकि आखिरी फैसला आना बाकी है। इस बारे में 1 जून को केंद्रीय शिक्षा मंत्री की अगुआई में सरकार और सीबीएसई की अहम बैठक के बाद अंतिम निर्णय का एलान किया जाएगा। संभव है कि इस दिन सीबीएसई 12वीं बोर्ड परीक्षा के लिए नई डेट शीट जारी कर दी जाए।
सुप्रीम कोर्ट में अब सोमवार के बाद होगी सुनवाई
इधर, सुप्रीम कोर्ट ने सीबीएसई 12वीं बोर्ड परीक्षा रद करने की याचिका पर बीते दिन सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को याचिका की प्रति सीबीएसई को देने का निर्देश दिया है। उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में सोमवार के बाद आगे की सुनवाई करने का निर्देश दिया। ममता शर्मा अधिवक्ता की ओर से देशभर में बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते छात्रों में संक्रमण के खतरे को देखते हुए सीबीएसई 12वीं बोर्ड परीक्षा रद करने की जनहित याचिका शीर्ष अदालत में दाखिल की गई है। उनका तर्क है कि छात्र बहुत दबाव में हैं। इस साल की परीक्षा रद की जानी चाहिए।
अधिकतर राज्य परीक्षा कराने पर सहमत
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुआई में केंद्रीय मंत्रियों रमेश पोखरियाल निशंक, प्रकाश जावड़ेकर, स्मृति ईरानी के साथ बीते दिन राज्यों के साथ हुई हाइलेवल मीटिंग में अधिकतर राज्यों ने सीबीएसई 12वीं बोर्ड परीक्षा कराने पर सहमति जताई थी। दिल्ली, महाराष्ट्र, गोवा और अंडमान-निकोबार को छोड़कर 32 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने 12वीं बोर्ड परीक्षा सुरक्षा एहतियातों के साथ आयोजित कराने की हामी भरी। जबकि चार राज्यों ने परीक्षा से पहले छात्रों और शिक्षकों के कोविड वैक्सिनेशन कराने की मांग उठाई।
कम दिनों में निपट जाएगी परीक्षा
सीबीएसई अधिकारियों के हवाले से कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि अधिकतर राज्यों ने सीबीएसई 12वीं बोर्ड परीक्षा के लिए शॉर्ट फॉर्मेट एग्जाम पर सहमति दी है। राज्यों के सुझावों के अनुसार इस बार बोर्ड परीक्षा 90 मिनट की होगी। जबकि राजस्थान, त्रिपुरा और तेलंगाना ने तीन घंटे की परीक्षा, पुराने पैटर्न पर कराने की मांग की है। सभी राज्यों ने शिक्षा मंत्रालय को अपने लिखित सुझाव भी भेजे हैं। बहरहाल अब गेंद केंद्र सरकार के पाले में है। माना जा रहा है कि बीते साल 2020 की तरह कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए जुलाई में परीक्षा हो सकती है। सीबीएसई ने 15 जुलाई से 26 अगस्त तक परीक्षा और सितंबर में रिजल्ट घोषित करने का प्रस्ताव दिया है।