
उत्तराखंड सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट गढ़वाल एवं कुमाऊं मंडलों को सीधे आपस में जोड़ने वाली कंडी रोड जो अब साख़ का सवाल बनी है वन मंत्री हरक सिंह रावत की ,ओर त्रिवेंद्र सरकार की
बता दें कि जब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री के पद पर कामकाज सभालते ही ये एलान किया था कि हम हर हाल मैं कंडी मार्ग को खोलगे , समय लगेगा , पर ये काम जरूर होगा।
तब से ही वन मंत्री जो कोटद्वार के विधायक भी है वो लगातार इस पर काम कर रहे है ,बैठक लेते कही बार दिखाई दिये पर कही ना कही हर बार कोई ना कोई पेंच हर बार फ़सजाता है । जिससे मंत्री हरक सिंह रावत भी परेशान हो जाते है
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ओर हरक सिंह रावत के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है ये कंडी रोड
(रामनगर-कालागढ़-कोटद्वार- लालढांग) के राजाजी टाइगर रिजर्व से लगे लैंसडौन वन प्रभाग के अंतर्गत आने वाले साढ़े 11 किमी लंबे गैर विवादित हिस्से लालढांग-चिलरखाल (कोटद्वार) के निर्माण को त्रिवेंद्र सरकार ने मजबूती के साथ पहल की है इसके लिए लोनिवि को सवा छह किमी सड़क के लिए वन भूमि हस्तांतरित भी की है साथ ही डामरीकरण के साथ ही तीन पुलों के निर्माण को धनराशि भी जारी की गई है । जिसमे जानकारी अनुसार 2 पुलों ओर 3 किलोमीटर सड़क के निर्माण का कार्य पूरा भी हो चुका है।
बता दे कि अब वन मंत्री हरक सिंह रावत ने कंडी मार्ग को लेकर पीएम मोदी को पत्र लिखा है ताकि कंडी मार्ग के निर्माण में हेतू वे अपने स्तर से हस्तक्षेप कर आशीष दे।
वन मंत्री हरक सिंह ने पीएम मोदी को लिखे पत्र मैं अब तक जो कार्य किया जा चुका है उसका विवरण भी दिया है ओर कंडी मार्ग क्यो जरूरी है ये भी पत्र मैं लिखा है साथ ही वर्तमान मैं ये मामला न्यायालय में विचाराधीन भी है। इस मार्ग के निर्माण स गढ़वाल ओर कुमाऊँ की लगभग 85 किलोमीटर दूरी कम होनी है।
बहराल अब देखना ये होगा कि वन मंत्री हरक सिंह रावत के प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र के बाद क्या कुछ कंडी मार्ग के मुद्दे ओर कुछ नया निकलकर आता है , जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी जल्द से जल्द इन सब पेंचों को दूर करने के प्रयास मैं जुटे है ताकि कंडी मार्ग का निमार्ण जल्द हो सके।