पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत लिखते है कि
भाजपा_सरकार की बजट को स्वीकृत व खर्च करने की गति बहुत चिंताजनक है। भाजपा द्वारा 3 मुख्यमंत्री बदलने का प्रभाव राज्य के विकास पर सीधे पड़ा है। हमारे विकास की तमाम योजनाएं अवरुध हो गई हैं, वार्षिक योजना में धन की स्वीकृत व उसके सापेक्ष खर्च करने सरकार की सुस्ती चिंताजनक है। स्वीकृत बजट में खर्च का भारी अंतर सरकार की असफलताओं व मुख्यमंत्रियों को बार-बार बदलना सरकार की पोल खोलने को काफ़ी है। राज्य की सड़कें, पुल जो की पर्वतीय क्षेत्र की लाइफ़ लाइन हैं उसमें भी हालात चिंताजनक हैं,
सरकार अभी तक मात्र 505 करोड़ रुपये ही खर्च कर पायी है, अभी मानसून व कुछ समय बाद चुनाव आचार संहिता लग जाएगी। यह सरकार की लापरवाही को दर्शाता है। बताया जा रहा है कि अभी 1627 करोड़ रूपया जारी करना बाक़ी है। नाबार्ड ,बाह्य सहयातित, स्पेशल कंपोनेंट प्लान, ट्राइबल सब प्लान, केंद्रीय सड़क निधि, अनुरक्षण व ए.डी.पी. योजनाओं में भी रफ़्तार सुस्त है और वार्षिक योजना के बजट की स्वीकृति व खर्च करने की सुस्ती भी राज्य की #जनता को भारी पड़ रही है जिसमें अभी तक बहुत कम धन का खर्च होना गम्भीर चिंता का विषय है! भाजपा का डबल इंजन फेल हो गया है।