हरदा की पुकार : कांग्रेस के नेतागणों से मेरा आग्रह, यह समय घर बैठने का नहीं है- हरीश रावत

लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद कांग्रेस फिलहाल कुछ दिनों के लिए शांत हो गई है।
हा वो बात अलग है कि सोशल मीडिया पर कांग्रेस के कुछ नेता अपने दिल की भड़ास कहे या अपनी बात अक्सर लिखते रहते है। अच्छी बात है कही तो नज़र आ रहे हैं वरना कांग्रेस के कार्यलय खाली है और टीवी चैनल मै बहस करने वाले कुछ तो परिवार के साथ इस गर्मी से दूर ठंडक का मज़ा ले रहे है तो कुछ ये सोच रहे है कि अच्छा खासा चैनल मैं जाकर चमक जाते थे।पर जब से टीवी चैनलों मै ना जाने का फरमान आया है तब से अपनी लोकप्रियता भी कम हो चली है। तो कही कांग्रेस के नेता प्रवक्ता सोशल मीडिया मे गोदी मीडिया गोदी मीडिया लिखने मै अभी भी लिखने मै लगे हुये है।
खेर हर किसी की अपनी सोच है। जिसे जो सही लगा वो बोल रहा है लिख रहा है।
पर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपनी फेसबुक से कांग्रेस के नेताओ से आग्रह कर डाला है कि ये समय घर बैठने का नही
हर दा ने लिखा है कि
कांग्रेस के नेतागणों से मेरा आग्रह, यह समय घर बैठने का नहीं है, कार्यकर्ता और समाज के लोगों के बीच जाने का है। जहां कांग्रेस संगठित तौर पर संगठनात्मक स्तर पर कार्यक्रम आयोजित कर सके, उनमें यथासंभव भाग लें और कुछ सामाजिक, सांस्कृतिक और जनसंवाद के कार्यक्रम अपने स्तर पर भी आयोजित करें। छिद्र देखने वाले भले ही इसमें अन्यान्य निहितार्थ निकालें मगर कुल मिलाकर इससे Indian National Congress को शक्ति मिलेगी और कांग्रेस कार्यकर्ता में जोश पैदा होगा। मैं 19 जून को फिर 108 के कर्मचारियों के बीच जाऊंगा। यह लड़ाई 108 के कर्मचारियों की नहीं है, यह लड़ाई #उत्तराखंड के सोच की लड़ाई है।


पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की इस पोस्ट के अलग अलग कही मायने है। एक तरफ तो वो कार्यकर्ताओ को सन्देश दे रहे है कि मुझे देखो साल 18 मार्च 2016 से कभी बगावत को झेला , सरकार चली गई , कांग्रेस 11 पर आगई , खुद दो जगह से चुनाव हार गया। और अब दोबारा फिर लोकसभा चुनाव के परिणाम आपके सामने है ।
पर मैने फिर भी हिमत नही हारी है और फिर से लगातार जनता के बीच मे हूँ ।


बहराल कुल मिलाकर हरीश रावत नाम के मायने जो भी निकाले जाए या निकाले जाते हो राजनीति में
पर हकीकत मे उत्तराखंड मै हरीश रावत का नाम ही सघर्ष है।
ओर स्याद इस समय जब कांग्रेस शांत हो गई हो तब हरीश रावत यही कह रहे हो कि उठो काँग्रेसियो ये समय घर बैठने का नही है।
बहराल अब देखना ये होगा कि हरीश रावत के इस बयान के बाद ( फेसबुक पोस्ट के बाद ) कांग्रेस के नेता क्या कहते है और क्या करते है और भाजपा क्या कहती है।

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