चिन्हित राज्य आन्दोलनकारी समिति के अध्यक्ष जेपी पांडेय ने कहा कि लंबित मांगों को लेकर राज्य आन्दोलनकारी सात दिसंबर से गैरसैंण में प्रस्तावित विधानसभा सत्र का घेराव करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा लगातार उपेक्षा से आन्दोलनकारियों के सब्र का बांध टूट चुका है।
प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए उन्होंने कहा कि 11 सूत्रीय मांगों को लेकर राज्य आन्दोलनकारी लंबे समय से संघर्षरत हैं। राजभवन, मुख्यमंत्री आवास कूच, सत्याग्रह, रैलियां, जुलूस और धरना प्रदर्शन करने के बावजूद सरकार ने मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं की। नौ नवंबर को राज्य स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री ने चिन्हीकरण की तिथि 31 दिसंबर तक बढ़ाने की घोषणा की थी, लेकिन इसका शासनादेश आज तक जारी नहीं किया।
उन्होंने कहा कि समिति पलायन पर रोक, गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने, बेरोजगारों को रोजगार, राज्य आन्दोलनकारियों को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा देकर उनकी तरह सुविधाएं देने, नशा और भ्रष्टाचार मुक्त राज्य बनाने, बंद पड़ी जल विद्युत परियोजनाओं को पुन: चालू करने, वंचितों का चिन्हीकरण करने, आन्दोलनकारियों के एक आश्रित को रोजगार देने, एक समान पेंशन, 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण आदि मांगों को लेकर आन्दोलित है। लेकिन सरकार ने आज तक आन्दोलनकारियों को वार्ता के लिए नहीं बुलाया।
बताया कि घेराव की पूरी तैयारी कर ली गई है। घेराव में दिल्ली, उत्तर प्रदेश के साथ प्रदेश भर से राज्य आन्दोलनकारी शामिल होंगे। इस दौरान सावित्री नेगी, विजय भंडारी, महेश गौड़, सतीश जैन, डॉ. इलमंद चौहान, दिनेश धीमान, मोहन सिंह रावत आदि उपस्थित रहे।