बोलता उत्तराखंड में आपको हम बता रहे है कि उत्तर भारत का सबसे आकर्षक मेला जो चम्पावत मे 21 अगस्त से 3 सितम्बर तक आयोजित होगा इस होने वाले उत्तर भारत के सुप्रसिद्ध मां बाराही बग्वाल (देवीधुरा) मेले का मुख्य आकर्षण फल-फूल से खेली जाने वाली बग्वाल होगी। मुख्य मेला 26 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन होगा। बृहस्पतिवार को देवीधूरा मंदिर परिसर में मॉ बाराही बग्वाल मेले की तैयारियों की बैठक में निर्णय लिया गया कि मेले की अवधि 21 अगस्त से 03 सितम्बर तक 14 दिन और मेला क्षेत्र लगभग 5.50 किमी. के दायरे में होगा। मेले में मेलाधिकारी एएमए जिला पंचायत तथा उप जिलाधिकारी पाटी मेला मजिस्ट्रेट होंगे। बैठक की अध्यक्षता करते हुये जिला पंचायत अध्यक्ष खुशाल सिंह अधिकारी ने एडीबी तथा लोनिवि को मेला क्षेत्र एवं आस-पास की सड़कों से मलबा हटाने तथा बंद होने पर तत्काल खोलने हेतु 2 जेसीबी तैनात रखने तथा खराब पड़ी सड़कों को ठीक करने के निर्देश दिये। वन विभाग एवं लोनिवि को पैदल रास्तों की मरम्मत एवं झाड़ी कटान करने तथा रास्तों की टूट-फूट दूर करने के निर्देश दिये। दुग्ध विभाग को मेलावधि में दूध की दरें निर्धारित रखते हुये सप्लाई बनाये रखने के निर्देश दिए। उन्होंने व्यापारियों को प्रत्येक दशा में व्यवसायिक गैस सिलेण्डर उपयोग करने के निर्देश दिये। जल संस्थान को पेयजल लाइन की टूट-फूट दूर करने के साथ लीकेज टैंकों को ठीक करने और मेला अवधि में पेयजल की समुचित आपूर्ति हेतु 3 टैंकरों की व्यवस्था करने के निर्देश दिये गये। आबकारी विभाग को अवैध रूप से बेची जा रही शराब हेतु छापामार कार्यवाही करने तथा मुख्य मेले के दिन पाटी एवं देवीधुरा की मदिरा की दुकान को बंद रखने के निर्देश आबकारी अधिकारी को दिये। पुलिस विभाग को मेला क्षेत्र के बाहर भी शराबियों की धरपकड़ हेतु टीम तैयार करने के निर्देश भी दिये गये। उन्होंने कहा कि मेलावधि में मेला क्षेत्र में मदिरा/मांस की बिक्री पर प्रतिबंन्ध रहेगा। मेले के दौरान विभिन्न सांस्कृतिक दलों द्वारा अपनी-अपनी विधाओं से 25 अगस्त 27 अगस्त तक आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रंमों एवं शासकीय कार्यक्रमों का भी प्रचार-प्रसार किया जायेगा। मेले के प्रचार-प्रसार हेतु दूरदर्शन की मदद लेने के साथ मेला अवधि और मुख्य मेले की सूचना स्थानीय केबल के माध्यम से भी प्रचारित की जायेगी। मेला बैठक में निर्णय लिया गया कि इस बार अल्मोड़ा की ओर से आने वाली बसें हनुमान मंदिर तक तथा लोहाघाट की ओर से आने वाली बसें वन विभाग तक ही आयेंगी। मेला क्षेत्र में दो पहिया वाहनों का प्रवेश निषेध होगा, उल्लंघन करने पर 1000 अर्थ दण्ड की कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। काननू एवं व्यवस्था बनाये रखने हेतु पीएसी के साथ-साथ पुलिस बल और आपदा रेस्क्यू दल भी मेला अवधि में अपनी आमद दर्ज करायेगा। मेले की तैयारियों के सम्बन्ध जिलाधिकारी एसएन पाण्डे ने सभी सम्बन्धित अधिकारियों को कड़े निर्देश दिये कि वह अपने से सम्बन्धित सभी व्यवस्थाएं 18 अगस्त तक हर हाल में पुख्ता कर लें एवं पुराने अुनभवों के आधार पर मेले को और अधिक आकर्षक बनाने के प्रयास करें। जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि मेला परिसर क्षेत्र के आस-पास जो भवन क्षतिग्रस्त है उनको चिन्हित कर लें और क्षतिग्रस्त भवनों में बैठना प्रतिबंधित करें। उन्होंने परिवहन अधिकारियों को निर्देश दिये कि वह मेलार्थियों के आवागमन की सुविधा के मदृदेनजर 05 अतिरिक्त बसों का संचालन सुनिश्चित कर लें। उन्होंने विद्युत विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वह मेला क्षेत्र के इर्द गिर्द जीर्ण शीर्ण विद्युत पोलों 18 अगस्त तक दुरूस्त कर लें। मेले के दरिम्यान 23 अगस्त को समाज कल्याण विभाग के तत्वाधान में बहुउद्देशीय जबकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा रक्त दान शिविर लगाया जायेगा। स्वास्थ्य विभाग को मेला अवधि में चिकित्सकों का कैम्प लगाने, संचार विभाग को संचार सेवा दुरस्त रखने के साथ पुलिस एवं एआरटीओ को यातायात व्यवस्था दुरस्त रखने के साथ एआरटीओ को वाहनों के संचालन में अपना सहयोग प्रदान करने के अलावा एआरटीओं एवं थानाध्यक्ष पाटी को आपसी समन्वय बनाकर वाहनों में किराया सूची चस्पा करने के निर्देश दिये गये। लोनिवि को विश्राम घरों में आवास की समुचित व्यवस्था करने को कहा गया। उन्होंने निर्देश दिये कि दुकानदार द्वारा नालियों में अतिक्रमण न किया जाये तथा मेले में पालीथीन पूर्णतया प्रतिबंधित रहेगा। बैठक में पुलिस अधीक्षक धीरेंद्र गुंज्याल, सीडीओ एचजी भट्ट, उप जिलाधिकारी आरसी गौतम, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरपी खंडूरी, प्रभागीय वनाधिकारी केएस बिष्ट, ईई लोनिवि वीसी पंत, एएमए जिला पंचायत राजेश कुमार के अलावा अध्यक्ष मेला समिति खीम सिंह लमगड़िया, सदस्य जिला पंचायत भोला बोरा, भागीरथ भट्ट, उत्तम देव, मेला कमेटी सदस्य, चार खामों के प्रतिनिधि सहित विभागीय अधिकारी आदि उपस्थित थे।