अगर कोई ये कह दे कि अब हरीश रावत का उत्तराखंड की राजनीति मे दखल खत्म हो गया है तो ये उनकी सबसे बडी भूल होगी पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत जब भी देहरादून या उत्तराखंड के दौरे पर होते है तो उनके बयान मीडिया की हेडलाइन बन जाती है । आपको बता दे कि भले ही इस समय एनएच-74 मुआवजा घोटाला मामले में दो आईएएस अधिकारियों पर कार्रवाई करने की बाद जहां जीरो टालरेश मुखिया ओर सिर्फ त्रिवेंद्र रावत खूब वाहवाही लूट रहै है तो वहीं पूर्व सीएम हरीश रावत तड़का लगाते हुए कहा डाला है कि ये कार्रवाई बहुत कम है हरीश रावत ने त्रिवेन्द्र रावत पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार हिम्मत दिखाए और एनएच प्राधिकरण की जांच भी एसआईटी से कराए। आखिर सरकार ये क्यो नही कर पा रही है।
हरीश रावत ने त्रिवेंद्र सरकार पर हमला बोलते कहा कि एनएच प्राधिकरण के अधिकारियों को सरकार बचाने की कोशिश कर रही है. ऐसे में त्रिवेन्द्र। सरकार के ऊपर संदेह पैदा हो रहा है क्योंकि इस घोटाले में NHAI की मंजूरी के बिना मुआवजे का वितरण हो ही नहीं सकता.
यही नही हरीश रावत ने त्रिवेंद्र रावत को सलाह देते हुए कहा कि कांग्रेस पर आरोप लगाने के बजाए वो इस मामले में सीबीआई जांच करा लें. सीबाआई जांच में सच्चाई सबसे सामने आ जाएगी.
आपको बता दें कि एनएच-74 घोटाले में शामिल होने के आरोप में दो आईएएस अधिकारियों को हाल ही में सरकार के आदेश पर निलंबित कर दिया गया है. SIT जांच में दोनों अधिकारियों पर अनिनियमितताओं के आरोप पाये गए हैं. इस घोटाले में IAS डॉ. पंकज पांडेय और चंद्रेश कुमार यादव की संलिप्तता खुलकर समाने आई थी. बता दें कि एसआईटी द्वारा जांच रिपोर्ट शासन को सौंपे जाने के बाद इन अधिकारियों को निलंबित किया गया था.
जिसे हरीश रावत नाकाफी बता रहे है और पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच कराने की माग कर रहे है।
तो दूसरी तरफ त्रिवेन्द्र रावत एलान कर चुके है कि अगर इस घोटाले जे जो भी संरक्षक होगे उनके नाम भी सामने लाये जाएंगे । ओर अगर इसके लिए ओर दूसरी जांच एजेंसी की सहायता लेनी पड़ी तो वो भी ली जाएगी कांग्रेस इस मामले मे राजनीति कर रही है और कुछ नही
तो दुसरी तरफ लगातार सोशल मीडिया से लेकर कही खबरिया चैनल इस बात को सूत्रों के हवाले से कह चुके है कि इस घोटाले मे अभी कुछ उच्च अधिकारियो के साथ कुछ सफेद पॉश भी शामिल है इसलिए इस पूरे मामले की सीबीआई जांच जरूरी है।
बहराल जहा एक तरफ मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत जनंता को जीरो टालरेश की सरकार के वादे ओर दावे को पूरा करने का दम खम दिख रहे है तो वही विपक्ष अब इस पूरे धोटाले की सीबीआई जांच कराने की माग कर रहा है । बहराल आगे आगे देखते है कि राज्य सरकार घोटालों की कितनी दफन फाइलों को निकालकर सामने लाता है।
ओर जो हरीश रावत दावा कर रहे है कि राज्य सरकार केंद्र के मंन्त्री के दबाव के चलते इस पूरे घोटाले की सीबीआई जांच कराने जो बच रही है उससे ये बात निकलकर आती है कि ये सरकार कुछ लोगो को बचाना चाहती है । यही नही हरीश रावत ने कहा कि जब मेरे उस स्टिंग की सीबीआई जांच हो सकती है तो इस घोटाले की क्यो नही । बहराल कांग्रेस अब त्रिवेन्द्र रावत की सरकार पर सीबीआई जांच कराने का दबाव बना रही है।तो उधर त्रिवेन्द्र रावत की जीरो टालरेश की सरकार से मुख्यमंत्री से जनता अब तक राज्य हुए सभी घोटालो के शोर की एस आइटी जांच करवाने की माग करने लगी है ताकि उन्हें सच मालूम हो कि आखिर किस किस नेताओं ने राज्य को लूटा है। और क्या उन नेताओ का भी त्रिवेन्द्र रावत करेगे पर्दाफाश ।इस पर जनंता की नज़र अभी से टिक गई है।