Friday, March 29, 2024
Homeउत्तराखंडछोटी उम्र में भी कम नहीं हुआ हौसला, शहीद भाई के सपने...

छोटी उम्र में भी कम नहीं हुआ हौसला, शहीद भाई के सपने को पूरा करने के लिए आस्तिक ने ली सेना की शपथ…

देहरादून: भारतीय सेना में जाने का जज्बा देवभूमि के युवाओं में खूब भरा हुआ है। कई परिवार तो ऐसे हैं जिन्होंने अपने घर के चिराग देश पर कुर्बान होते हुए देखे हैं। 2014 में शहीद हुए निमित आर्य के छोटे भाई ने आस्तिक ने गजब का हौसला दिखाया है। वह अपने भाई के सपने को आगे ले जाने के लिए अपनी मेहनत के बल पर बतौर अफसर सेना में शामिल हो गए हैं। यह जश्न की घड़ी शनिवार को पासिंग आउट परेड के दौरान आई।

जज्बे को सलाम..... शहीद भाई के सपने को पूरा करने के लिए आस्तिक ने ली भारतीय सेना की शपथ.

दरअसल निमित आर्य को बचपन से देश सेवा करने का मन था। उन्होंने अपने दृढ़ संकल्प से साल 2014 में सेना में कमीशन पा लिया। लेकिन सेना में शामिल होने के बाद की ट्रेनिंग में वह शहीद हो गए। एक तरफ परिवार की सारी खुशियां गम में तब्दील हो गई तो दूसरी तरफ उनके छोटे भाई आस्तिक ने अपने मन में भाई का सपना पालना शुरू कर दिया।

हरियाणा के यमुनानगर निवासी आस्तिक आर्य ने भी बड़े भाई निमित आर्य की तरह सेना में कमीशन पाया था। उम्र कम होने के बावजूद आस्तिक का हौसला तब भी कम नहीं था। जब उनके भाई को शहादत मिली तो उन्होंने खुद को संभाला और आगे बढ़ते रहने का प्रण लिया। अपने भाई के पदचिन्हों पर चलते हुए पहले आस्तिक ने अकादमी तक का सफर पूरा किया।

अब वह पीपिंग व ओथ सेरेमनी के बाद बतौर लेफ्टिनेंट देश की सेना का अभिन्न अंग बन गए। कल तक आस्तिक आईएमए के जेंटलमैन कैडेट थे, लेकिन आज के बाद वो लेफ्टिनेंट आस्तिक आर्या के रूप में पहचाने जाएंगे। एक भाई की शहादत के बाद दूसरे भाई की सेना में जाने की यह कहानी किसी प्रेरणा से कम नहीं है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments