शर्मनाक! सरकारी अस्पताल में हुई मौत, एंबुलेंस मिली न ऑटो, ठेले पर ले जाना पड़ा शव
ये उतराखंड के सरकारी अस्पताल है यहा कुछ भी हो सकता है। तभी तो शव को ठेले पर ले जाते है परिजन यहा !
अब इसे विड़ंबना ही कहेंगे कि परिजनों को शव ठेले पर ले जाना पड़ा। ख़बर है कि कुम्हारबाड़ा निवासी एक व्यक्ति की गुरुवार को एसपीएस राजकीय अस्पताल में मौत हो गई। इसके बाद परिजन शव ले जाने के लिए एंबुलेंस का इंतजार करते रहे, लेकिन उन्हें सुविधा नहीं मिल पाई।
इस पर परिजनों ने ऑटो चालकों से भी गुहार लगाई, लेकिन कोई तैयार नहीं हुआ। मजबूर होकर फिर परिजनों को शव ठेले पर रखकर ले जाना पड़ा। ख़बर के अनुसार कुम्हारबाड़ा निवासी प्रेमचंद (50) का गुरुवार सुबह अचानक स्वास्थ्य खराब हो गया था। तब उनके परिजन उन्हें राजकीय चिकित्सालय लेकर पहुंचे। इमरजेंसी में इलाज के दौरान ही प्रेमचंद की मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने शव घर ले जाने के लिए अस्पताल प्रशासन से एंबुलेंस की व्यवस्था कराने के लिए कहा, आरोप है कि बार-बार गुहार लगाने और घंटों इंतजार के बाद भी एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराई गई।।
यही नही घंटो परिजन एंबुलेंस का इंतजार करते रहे पर नही आई । इसके बाद परेशान परिजनों ने दून मार्ग पर चलने वाले ऑटो चालकों से शव घर तक पहुंचाने की गुहार लगाई, लेकिन इसके लिए भी कोई तैयार नहीं हुआ। थक हारकर परिजनों ने एक ठेले की व्यवस्था की और उसी पर शव रखकर घर ले गए।
बहराल ये कोई पहला मामला नही है सर सरकारी अस्पताल मे इसी प्रकार उनकी व्यवस्था और लापरवाही की पोल अक्सर खुलती रहती है और सरकारे आंकड़े रख कर कहती है कि हमारे समय मे हालत सुधर रहे है ।बहराल सरकार के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को पटरी पर लाना ओर वहा की व्यवस्था को सुधारना किसी चुनोतियों से कम नही।