देहरादून, हाईकोर्ट के जनवरी 2018 में राजस्व पुलिस व्यवस्था को रेगुलर पुलिस में तब्दील के आदेश के बाद पुलिस महकमे ने भी अपनी कवायद पूरी कर ली है. महकमे ने इस नयी व्यवस्था को लागू करने से पहले सर्वे करवाया और इसके बाद दो प्रस्तावों को शासन में भेजने के लिए तैयार कर दिया है महकमे द्वारा तैयार किये इस पहले प्रस्ताव में मौजूदा व्यवस्था में 2500 गांव को मर्ज करने है। जबकि दूसरे प्रस्ताव में पांच हजार गांव में 16 पुलिस थाने और 60 पुलिस चौकी खोलने का है आपको बता दें वर्तमान में प्रदेश में करीब 17 हजार गांव में से साढ़े सात हजार गांव राजस्व पुलिस क्षेत्र में पड़ते हैं। यहां रेगुलर पुलिस व्यवस्था लागू करने के लिए पुलिस मुख्यालय को संसाधन और मैन पावर बढ़ाने के लिए करोड़ों के बजट की जरूरत पड़ेगी।
अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने बताया कि पहले प्रस्ताव में 2500 गांव को शामिल किया गया है। इन गांव में रेगुलर पुलिस व्यवस्था को आस-पास के मौजूदा थाना-चौकी से लागू किया जा सकता है। इससे संसाधन की जरूरत नहीं पड़ेगी साथ ही वित्तीय भार भी नहीं पड़ेगा। यह व्यवस्था शासन के आदेश के बाद शुरू की जा सकती है।वहीं , दूसरे प्रस्ताव में करीब 5000 गांव में नए थाने और पुलिस चौकी खोलने के साथ ही संसाधन, मैन पावर समेत अन्य सुविधाएं जुटाने होंगे। इसके लिए कम से कम 16 नए थाने और 60 पुलिस चौकी खोली जाएगी। दोनों प्रस्ताव को विस्तृत डिटेल के साथ शासन की स्वीकृति को भेजे जाएंगे। इसके बाद शासन की अनुमति मिलते ही आगे की कार्यवाही शुरू की जाएगी।
आपको बता दें कि अंग्रेजों के जमाने से ही चल रही राजस्व पुलिस आज भी बिना संसाधन, प्रशिक्षण और बजट के संचालित हो रही है। ये आज भी संगीन अपराधों की विवेचना से लेकर सबूत जुटाने में पुरानी तकनीकी अपनाते हैं और सबसे ख़ास बात इनके पास स्टाफ और संसाधन का अभाव है. दर्जनों गांव पर एक राजस्व पटवारी के माध्यम से सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त रखना संभव नहीं है। इसके अलावा मुकदमे दर्ज करने, दर्ज मुकदमों में सजा दिलाने की रफ्तार भी बेहद धीमी है।