बोलता उत्तराखंड के लिए अर्जुन भण्डरी की रिपोर्ट ..
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून मे लगातार नशे का काला कारोबार चल रहा है और समय समय पर पुलिस इनको पकड़कर सलाखों के अंदर भी पहुचाती है मंगलवार को भी तीस ग्राम स्मैक के साथ पुलिस ने दो तस्कर धर दबोचे है आपको बता दे कि
देहरादून के सहसपुर में नशे के तस्करों के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान में सहसपुर थाना ने कल मध्यरात्रि फतेहपुर क्षेत्र से एक महिला समेत दो अभियुक्तओं को अवैध मॉर्फिन के साथ गिरफ्तार किया है। पकड़े गए दोनों ही अपराधी इससे पहले भी नशे की तस्करी के आरोप में जेल जा चुके है।
जनपद देहरादून में बढ़ते नशे के साये के चलते पुलिस आये दिन शहर के बाहर से आने जाने वाले हर वाहन व संदिग्धों पर नज़र बनाये रहती है व इस बाबत पुलिस द्वारा खुफिया तंत्रों को भी सक्रीय रहने की हिदायत दी गयी है। इसी आधार पर सहसपुर थानाध्यक्ष नरेश राठौड़ ने अपनी टीम के साथ फतेहपुर क्षेत्र में चेकिंग के दौरान एक स्प्लेंडर बाइक संख्या UK07AP4384 सवार धर्मेंद्र(25) पुत्र पुन्नू निवासी ग्राम सिकरोडा थाना भगवानपुर , हरिद्वार व सीमा(40) पत्नी कुलवंत सिंह निवासी देवी नगर थाना पौंटा साहिब जिला सिरमौर , हिमाचल प्रदेश को डेढ़ लाख कीमत की मॉर्फिन के साथ गिरफ्तार किया।
पुलिस पूछताछ में अभियुक्तओं ने बताया कि उन दोनों के परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नही है।इनकी मुलाकात मादक पदार्थ खरीदते समय छुटमलपुर में हुई थी उसके बाद ये दोनों लोग मिलकर छुटमलपुर ओर सहारनपुर से साथ में स्मैक लाकर पौंटा साहिब, विकासनगर और सहसपुर में पढ़ने वाले स्टूडेंट आदि को मोटे दाम में बेचते थे।
धर्मेन्द्र पूर्व में थाना क्लेमेनटाउन व अभियुक्ता सीमा थाना पौंटा से नशा तस्करी के आरोप में पहले भी जेल जा चुका है। पुलिस ने दोनों को एनडीपीएस एक्ट में गिरफ्तार कर आज न्यायालय में पेश किया है। आपको बता दे कि राजधानी देहरादून के स्कूल वाले क्षेत्र मे अक्सर ड्रग्स ओर अन्य नशा बेचने वाले लोग एक्टिव रहते है । और अक्सर पुलिस के हाथ लगने के बाद फिर जेल ओर जेल से छूटने के बाद फिर इस धंधे में लग जाते है क्योकि युवाओ की ज़िंदगी से खलने वाले इन लोगो के लिए ये धन्दा गन्दा ही क्यो ना हो पर मंदा नही है और यही वजह है कि ये फिर इसी काम मे दोबारा लग जाते है आपको बता दे कि ये लोग जेल पकड़े जाने के बाद से इनके जेल से बहार आने तक का ख़र्चा वकालत या अन्य सिर्फ 50 हज़ार से कम है जो कि इनके इस गंदे धंधे की एक दिन की कमाई से भी आधी है इसलिए इनको सिर पैसे से प्यार है और युवाओ की ज़िंदगी से खेलना इनका शोक ।लिहाज़ा पुलिस को इनके उस गिरोह के लोगो को पकड़ना होगा जो इनकी हर प्रकार से व्यवस्था करते है ओर ख़बर तो ये भी मिलती है कि कुछ सफेदपोश वाले युवा ही इनके रहनुमा है जो खुद भी मोटा माल नशे की आड़ मे कमाते है और इनको किराए या डेली रुपए नशा बिकवाते है बोलता उत्तराखंड को अगर कोई भी जानकारी मिली तो वो पुलिस को बता कर इन नशे के सौदागरों को जेल की सलाखों के अंदर पहुचायेगा क्योकि नशे के बडे मगरमच्छ अभी भी खुली हवा मे सांस ले रहे है ।