राज्य के पहाड़ी जिल मे लगातार होने वाली भरी बरसात ने पहाड़ से मैदान तक जमकर तांडव मचा रखा है आपको बता दे कि चमोली की थराली तहसील में आकाशीय बिजली की चपेट में आकर एक व्यक्ति की मौत हो गई है। ओर ख़बर लिखे जाने तक दो दिन में 10 लोग की अकाल मौत हो गई । जन हानि से लेकर माल का नुकसान लगातार हो रहा है
आपको बता दे कि गौरीकुंड के पास केदारनाथ हाईवे का बीस मीटर भाग भूस्खलन की भेंट चढ़ गया है। इससे मार्ग पर वाहनों की आवाजाही ठप हो गई है।
दूसरी तरफ बदरीनाथ के निकट लामबगड़ में मलबा आने से बदरीनाथ हाईवे पर भी आवाजाही बाधित हो गई है। तो हरिद्वार में गंगा फिर से खतरे के निशान के करीब बह रही है। शाम को जलस्तर 293.70 मीटर पर पहुंच गया, जबकि खतरे का निशान 294 मीटर पर है। ख़बर है कि चमोली जिले के थराली तहसील के रतगांव निवासी मोहन सिंह फर्सवाण मवेशियों को लेकर जंगल गए थे। ग्रामीणों के अनुसार दोपहर बाद एकाएक तेज गडग़ड़ाहट के साथ आकाशीय बिजली गिरी और मोहन बुरी तरह से झ़ुलस गए। साथी लोग कुछ करते इससे पहले ही उनकी मौत हो गई। इसके अलावा चमोली जिले की ही घाट तहसील में गोशाला ध्वस्त होने से कई भेड़-बकरियां दब गई।
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार आने वाले 24 घंटे में उत्तराखंड के कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। दून में एक से दो को तेज बारिश के आसार हैं।
आपको मालूम ही है कि लगातार जारी बारिश और भूस्खलन की वजह से पहाड़ में जनजीवन अस्त व्यस्त हो रखा है गया है। भूस्खलन के कारण गाँव वाले बहुत परेशान है लगभग पांच सौ से ज्यादा गांव जिला मुख्यालयों से कटे हुए हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन बड़ी चुनौती बन गया है। उत्तरकाशी में वरुणावत पर्वत से रुक-रुक कर पत्थर बरस रह हैं। इससे आसपास के बीस परिवारों को वहां से शिफ्ट कर दिया गया है। गौरीकुंड के पास फाटा में भूस्खलन से सड़क धंस गई है। बीस मीटर हिस्सा ध्वस्त होने से केदारनाथ हाईवे पर आवाजाही ठप है। हालांकि इन दिनों वहां ज्यादा यात्री नहीं हैं। रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि एसडीआरएफ की निगरानी में यात्रियों को भूस्खलन क्षेत्र पार कराया जा रहा है। गढ़वाल और कुमाऊं में नदियां उफान पर हैं। गढ़वाल में पिंडर , मंदाकिनी और अलकनंदा उफान पर हैं तो कुमाऊं में काली नदी खतरे के निशान के करीब बह रही है। सरयू, शारदा और गोरी नदी का उफान भी भयभीत करने वाला है।
जानकारी अनुसार कुमाऊं के बागेश्वर जिले में बारिश से 9 मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। वही बघर में अतिवृष्टि से चार मवेशियों की मौत भी हो गइ हैं। पिथौरागढ़ के मुनस्यारी तहसील का मदकोट कस्बा पिछले 48 घंटे से अंधेरे में डूबा है।
वही बुधवार को टिहरी जिले के कोट गांव में दो मकानों में सात लोगों के जिंदा दफन होने के बाद ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। खतरे की जद में आए मकानों में रह रहे 22 परिवारों को प्रशासन ने घर खाली करा दिए हैं। इन लोगों को गांव के ही अन्य घरों में ठहराया गया है। घनसाली के एसडीएम पीआर चौहान ने बताया कि गांव में मेडिकल टीम तैनात कर दी गई है।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के मुताबिक शनिवार और रविवार को पूरे प्रदेश में भारी से बहुत भारी बारिश की आशंका है। मौसम की चेतावनी के बाद शासन ने भी सभी जिलाधिकारियों को सतर्क कर दिया है। आपदा राहत टीम किसी भी तैयार रखा गया है