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उत्तराखंड से बाहर शिफ्ट नहीं होगा एनआईटी, सरकार चार महीने में निर्णय ले : हाईकोर्ट
ख़बर नैनीताल से
है बता दे कि नैनीताल हाईकोर्ट ने एनआईटी श्रीनगर को अन्यत्र स्थानांतरित करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा है कि एनआईटी को उत्तराखंड से बाहर शिफ्ट नहीं किया जाएगा।
एनआईटी पूर्व चिह्नित स्थल सुमाड़ी श्रीनगर में या उत्तराखंड के किसी अन्य हिस्से में ही स्थापित होगा।
वही कोर्ट ने कहा कि इस बारे में विशेषज्ञों की राय लेकर चार माह के भीतर निर्णय लें।
इस बीच, एनआईटी परिसर की डीपीआर भारत सरकार को सौंपी जाए और भारत सरकार तीन माह के भीतर फंड जारी करे।
मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई थी, जिसके बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया गया था। मामले के अनुसार एनआईटी के पूर्व छात्र जसबीर सिंह ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि श्रीनगर के सुमाड़ी में साल 2009 में एनआईटी स्वीकृत हुआ था, लेकिन अपना परिसर न होने के कारण इसे श्रीनगर के पॉलीटेक्निक और आईटीआई के भवनों में संचालित किया जा रहा था।
वही लंबे समय से स्थायी भवन न बनने और छात्र-छात्राओं के लिए पर्याप्त छात्रावास, कक्षा कक्ष और प्रयोगशालाओं का निर्माण नहीं हो पाने पर छात्रों और अन्य संगठनों ने इसे लेकर समय समय पर आंदोलन भी किए थे
आपको ये भी बता दे कि केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने एनआईटी के सुमाड़ी श्रीनगर में 1260 छात्रों की क्षमता युक्त स्थायी परिसर निर्माण के लिए 909.85 करोड़ एवं छात्रावास, प्रयोगशाला और कक्षा कक्ष बनाने के लिए 78.81 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को स्वीकार कर दिया है। ओर इस धनराशि में से 831.04 करोड़ रुपये सुमाड़ी में बनने वाले स्थायी परिसर के निर्माण पर खर्च किए जाएंगे।
हालांकि बजट को अभी वित्त मंत्रालय ने स्वीकृति नहीं दी है।